UP ByPolls 2024 : उत्तर प्रदेश में आगामी 20 नवंबर को 9 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है। इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर की सीसामऊ सीट से विधायक रहे इरफान सोलंकी की याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इरफान सोलंकी को राहत देने से इनकार कर दिया है, जिससे सीसामऊ सीट पर उपचुनाव का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
हाईकोर्ट ने याचिका की खारिज
निवर्तमान विधायक इरफान सोलंकी ने ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई गई थी। सोलंकी की अपील थी कि अंतिम फैसले तक उनकी सजा पर रोक लगाई जाए, ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल हो सके। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। ऐसे में सीसामऊ में उपचुनाव का रास्ता खुला रहेगा और निर्धारित समय पर 20 नवंबर को वोटिंग होगी।
इरफान सोलंकी और उनके भाई नहीं मिली राहत
हालांकि कोर्ट ने इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को इस मामले में राहत नहीं दी है। लेकिन सजा पर रोक न लगने के कारण इरफान सोलंकी की विधानसभा की सदस्यता बहाल नहीं हो सकेगी। इस फैसले के बाद (UP ByPolls 2024) कानपुर की सीसामऊ सीट पर उपचुनाव होने में कोई कानूनी रुकावट नहीं रहेगी।
‘सजा बढ़ाकर उम्रकैद की जाए’ – सरकार
वहीं, यूपी सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर इरफान सोलंकी की 7 साल की सजा को बढ़ाकर उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की है। इस पर भी सुनवाई होनी बाकी है।
क्या इरफान सोलंकी जाएंगे सुप्रीम कोर्ट?
इरफान सोलंकी के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उनकी मूल याचिका यह थी कि सजा पर रोक लगाई जाए ताकि सदस्यता बहाल हो सके। चूंकि हाईकोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार नहीं किया है, ऐसे में उनके मुवक्किल के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अंतिम फैसला इरफान सोलंकी ही लेंगे।