UP News : देशभर में पराली जलाने की समस्या से बढ़ते प्रदूषण के चलते राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई शहरों की स्थिति खराब हो गई है। इसे नियंत्रित करने के लिए कृषि विभाग ने कस्टम हायरिंग परियोजना शुरू की है। इस परियोजना के तहत 50 लाख रुपये की योजना में से 32 लाख रुपये का अनुदान किसानों को दिया जाएगा। शेष राशि किसानों को स्वयं वहन करनी होगी।
पराली जलाने से बढ़ती समस्या
खेतों में फसल कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने की परंपरा के कारण प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। कृषि विभाग पिछले कई वर्षों से इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम कर रहा है। इसी क्रम में कस्टम हायरिंग सेंटर और एग्रीगेटर योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को अनुदान के जरिए मशीनरी उपलब्ध कराई जाएगी।
योजना का लाभ ऐसे उठाएं
गाजीपुर जिले के कृषि उपनिदेशक अतेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में कुल 107 एफपीओ कार्यरत हैं। (UP News ) इस योजना का लाभ इन्हीं संगठनों को दिया जाएगा।
योजना को दो भागों में बांटा गया है:
1. पहला भाग:
– एफपीओ के अध्यक्ष को 30 लाख रुपये में 60 एचपी से अधिक क्षमता वाला ट्रैक्टर, बेलिंग मशीन, स्ट्रॉ रेक और क्रॉप रीपर खरीदना होगा।
– इस पर विभाग 24 लाख रुपये का अनुदान देगा।
2. दूसरा भाग:
– संगठन के दो अन्य सदस्यों को 10-10 लाख रुपये की लागत से ट्रैक्टर ट्राली और अन्य उपकरण खरीदने होंगे।
– विभाग इस पर 4-4 लाख रुपये का अनुदान देगा।
कमेटी और एग्रीमेंट की शर्तें
इस योजना के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। योजना का लाभ लेने के लिए एफपीओ को गाजीपुर स्थित सुखबीर एग्रो एनर्जी लिमिटेड से एग्रीमेंट करना होगा। यह कंपनी पराली की खरीद करेगी। साथ ही, उन एफपीओ को इस योजना में शामिल नहीं किया जाएगा, जो पूर्व में इसी प्रकार की योजना का लाभ ले चुके हैं।
अब तक मिले आवेदन
इस साल योजना में अब तक नौ एफपीओ ने आवेदन किया है। (UP News ) इनमें से तीन एफपीओ को योजना का लाभ दिया जाएगा। आवेदन की अंतिम तिथि 25 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है।
गाजीपुर में पराली जलाने की स्थिति
गाजीपुर में अब तक कुल 29 स्थानों पर पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। बुधवार को हुई जांच में तीन पराली जलाने के नए मामले दर्ज किए गए। कृषि विभाग ने इन किसानों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
पिछले वर्ष का अनुभव
पिछले साल इसी योजना के तहत 15 लाख रुपये की योजना में 12 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई थी। गाजीपुर के नौ एफपीओ ने इस योजना का लाभ उठाया था और पराली का प्रबंधन कर उसे सुखबीर एग्रो एनर्जी लिमिटेड को बेचा था।
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