UP News : उत्तर प्रदेश के विकास को तेज गति देने के लिए राज्य सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज को मिलाकर एक नया धार्मिक क्षेत्र बनाने का निर्णय लिया है। इस नए क्षेत्र में इन दोनों प्रमुख शहरों के अलावा कुल 7 जिले शामिल होंगे। इस क्षेत्र का दायरा 22,000 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा होगा, और इसे एक अत्याधुनिक धार्मिक विकास क्षेत्र के तौर पर तैयार किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस क्षेत्र के लिए क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के गठन की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके तहत इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास, नॉलेज पार्क और रोजगार के बड़े अवसर प्रदान किए जाएंगे।
नीति आयोग के सुझाव पर आधारित क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम
नीति आयोग ने 2047 तक भारत को 30 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए आयोग ने कई क्षेत्रीय विकास कार्यक्रमों का प्रस्ताव दिया है। इन सुझावों के आधार पर प्रदेश सरकार ने वाराणसी और प्रयागराज के धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण का गठन करने का फैसला लिया है। इस प्राधिकरण के तहत प्रस्ताव तैयार किया गया है, जो इन दोनों शहरों और आसपास के क्षेत्रों का समग्र विकास करेगा।
ग्रोथ हब के रूप में विकास का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष इस प्राधिकरण के गठन का प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसके बाद इस प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री ने इस प्राधिकरण के विकास के लिए एक योजना तैयार करने का सुझाव दिया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्थानीय निवासियों और युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार और विकास के अवसर प्रदान करना है। इसके तहत इन शहरों को एक ग्रोथ हब के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि इन क्षेत्रों का सामाजिक और आर्थिक विकास तेजी से हो सके।
7 जिलों का होगा समावेश
इस नई योजना में शामिल होने वाले सात जिले हैं – प्रयागराज, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर और भदोही। (UP News) इन जिलों की कुल जनसंख्या 3.37 करोड़ से ज्यादा है, और इनका आर्थिक क्षेत्र 22.8 अरब रुपये है। इन सात जिलों के विकास से काशी और प्रयागराज के धार्मिक पर्यटन और धार्मिक उद्योग को मजबूती मिलेगी।
धार्मिक क्षेत्र बनाने का उद्देश्य
इस धार्मिक क्षेत्र के विकास का मुख्य उद्देश्य वाराणसी और प्रयागराज के धार्मिक महत्व को और बढ़ावा देना है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर और सारनाथ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल हैं, जबकि प्रयागराज में संगम का महत्व है। इस क्षेत्र का विकास करने से इन धार्मिक स्थलों और पर्यटन स्थलों के आस-पास के क्षेत्रों में पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा, जिससे इन इलाकों के आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा।
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