UP News : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के नवाबगंज क्षेत्र के खाता गांव में रहने वाली तीन पाकिस्तानी मूल की महिलाओं ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की निंदा करते हुए भारत के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। इन महिलाओं ने कहा कि भले ही वे जन्म से पाकिस्तानी हैं, लेकिन उनका दिल हिंदुस्तान के लिए धड़कता है। वे भारत को ही अपना घर मानती हैं।
सरहदों से बंधा एक परिवार
खाता गांव में तीन पाकिस्तानी महिलाएं दीर्घकालिक वीजा पर रह रही हैं, जो शादी के बाद भारत आई थीं। इनमें दो सगी बहनें – कुलसुम फातिमा और मरियम फातिमा हैं, जिनका निकाह वर्ष 2012 में खाता गांव के चचेरे भाइयों जाने अली और राशिद अली से एक ही दिन हुआ था। तीसरी महिला महताब फातिमा हैं, जिनका निकाह लकड़ी कारीगर अफसार से 2007 में हुआ था।
जिंदगी के अनुभवों ने खींच दी हैं दो देशों के बीच की सच्ची तस्वीर
अफसार की पत्नी महताब फातिमा पाकिस्तान के कराची की रहने वाली हैं। निकाह के बाद वह पाकिस्तान गईं और फिर बेटी जहरा के साथ भारत लौटीं। यहां उनकी तीन बेटियां नजफ, फिजा और अलीजा का जन्म हुआ, जो भारतीय नागरिक हैं। वहीं जहरा अब भी पाकिस्तानी नागरिक है। इस तरह उनका परिवार दोनों देशों की नागरिकता का प्रतीक बन चुका है।
जाने अली और कुलसुम फातिमा भी कुछ समय पाकिस्तान गए थे, लेकिन उन्हें वहां की असहज और डरावनी (UP News) स्थिति देखकर जल्दी लौटना पड़ा। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में माहौल इतना भयावह था कि वे वहां ज्यादा दिन नहीं रह सके।
“भारत ने हमें अपनाया, अब यही हमारा घर है”
मरियम फातिमा, जो राशिद अली की पत्नी हैं, ने बताया कि वे वर्ष 2012 में भारत आई थीं और अब उनके दो बेटे जैद और जैन हैं। परिवार खेती करके गुजर-बसर करता है। राशिद कहते हैं कि उन्होंने अपनी पत्नी का दीर्घकालिक वीजा बनवाया है, लेकिन वे पाकिस्तान दोबारा नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में जिस तरह दहशतगर्दी का माहौल है, वह शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता।
पहलगाम हमले से आहत, लेकिन भरोसा भारत पर
तीनों महिलाओं (UP News) ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि ऐसे कृत्य मानवता के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सरकार को ऐसे हमलों को रोकना चाहिए और यदि हमलावर वहीं से हैं, तो भारत का सहयोग करना चाहिए।
“हम यहां शादी के बाद आईं, भारत ने हमें अपनाया, अब यहीं हमारी जिंदगी है। हम भी इस देश के दुख में सहभागी हैं,” इन शब्दों के साथ उन्होंने भारत के प्रति अपना स्नेह और निष्ठा जाहिर की।