UP Politics News : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती (Mayawati) ने अपने वरिष्ठ नेता और रामपुर के पांच बार जिला अध्यक्ष रह चुके सुरेंद्र सागर को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। सुरेंद्र सागर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है। इस फैसले ने पार्टी के अंदर और बाहर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
शादी बनी निष्कासन का कारण
दरअसल, सुरेंद्र सागर ने हाल ही में अपने बेटे अंकुर की शादी समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक त्रिभुवन दत्त की बेटी से करवाई। त्रिभुवन दत्त पहले बसपा के सांसद और विधायक रह चुके हैं, लेकिन अब वह सपा के विधायक हैं। बसपा नेतृत्व को यह रिश्ता रास नहीं आया और इसे अनुशासनहीनता मानते हुए सख्त कार्रवाई की गई।
सुरेंद्र सागर ने इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह एक पारिवारिक निर्णय था और इसे राजनीतिक रूप देना उचित नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इसमें कोई अनुशासनहीनता नहीं हुई है।
रामपुर में बड़े बदलाव
सुरेंद्र सागर के निष्कासन के साथ-साथ रामपुर के जिला अध्यक्ष प्रमोद सागर को भी उनके पद से हटा दिया गया है। यह फैसला मायावती के संगठन में अनुशासन बनाए रखने के कड़े रुख को दर्शाता है। प्रमोद सागर का हटाया जाना रामपुर में पार्टी की रणनीति में बदलाव की ओर इशारा करता है।
पहले भी हुए सख्त फैसले
यह पहली बार नहीं है जब मायावती (Mayawati) ने अपने नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए हों। नवंबर में भी पूर्व मंडल प्रधान प्रभारी प्रशांत गौतम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने मुनकाद अली के बेटे की शादी में शिरकत की थी, जिनकी बेटी सपा नेता कादिर राणा की बहू हैं।
सपा से मेलजोल पर कड़ी नजर
बसपा हमेशा से समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी प्रकार के मेलजोल को अनुशासनहीनता मानती आई है। मायावती का मानना है कि सपा के साथ किसी भी तरह का जुड़ाव बसपा की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
पार्टी की छवि बनाए रखना प्राथमिकता
मायावती ने बार-बार यह साफ किया है कि पार्टी अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। सुरेंद्र सागर और प्रमोद सागर के निष्कासन के बाद बसपा ने यह संदेश दिया है कि पार्टी संगठन और छवि को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी।