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विश्वास का घोटा गला, जिसको सात साल तक पढ़ाया, प्रेमी के साथ मिलकर उसको उतारा मौत के घाट

by | Nov 1, 2023 | अपना यूपी, कानपुर, क्राइम, बड़ी खबर

वो कहते है न किसी भी पर ऐसे ही विश्वास नहीं करना चाहिए, विश्वास में ही विष का वास होता है। ऐसा ही एक मामला कानपूर से सामने आया है। आपको बता दें कि जिस रचिता को उन्होंने अपने परिवार का हिस्सा बनाया। सात साल तक एक गार्जियन की तरह पढ़ाया। हर सुख दुख में जिसका साथ दिया। उसी ने विश्वासघात किया । बेटे को उसने अपने प्रेमी प्रभात के साथ मिलकर मौत के घाट उतारने की साजिश रची। बता दें कि कुशाग्र के परिजन और वहा पर रहने वाले लोगों को जब उसकी हत्या के बारे में पता चला तो सब हैरान रह गए। जब कुशाग्र हत्याकांड का खुलासा हुआ, तो सबका कलेजा कांप गया।

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मनीष कनौडिया के चाचा द्वारा मिली जानकारी के अनुसार पिछले 10 साल से रचिता मनीष के परिवार से संपर्क में थी। कुशाग्र को वह पहले ट्यूशन पढ़ाती थी, परन्तु कुशाग्र के माता-पिता द्वारा वर्ष 2018 में उसको पढ़ाना बंद करवा दिया गया था। जिसके पश्चात एक साल पहले तक वह घर आकर कुशाग्र के छोटे भाई आदि को ट्यूशन पढ़ा रही थी। रचिता से लगाव के चलते टूशन पढ़ना बंद करवाने के बाद भी अक्सर घर पर आती जाती रहती थी।

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पूछताछ के दौरान पता चला कि रचिता एवं उसके प्रेमी प्रभात से कुशाग्र अपनी जिंदगी की भीख मांग रहा था। परन्तु दोनों निर्दयी को उस मासूम पर जरा भी तरस नहीं आया। उन्होंने नारियल की रस्सी से बड़ी बेरहमी के साथ उसका गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। वही इसके पश्चात उसी रस्सी से उसके पैर बांधकर एक कमरे में उसको फेंक दिया। मनीष कनौडियारायपुरवा के आर्चायनगर स्थित श्री भगवती विला अपार्टमेंट में रहते ह्यै। ये शहर के बडे़ कपड़ा कारोबारी हैं।

कुशाग्र के पिता शादी का खर्च तक उठाने को थे तैयार

चाचा संजय कनौडिया द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रचिता हिमाचल प्रदेश के अंब नंदपुर की मूलरूप से रहने वाली है। रचिता के माता-पिता की मौत के पश्चात वह फजलगंज में किराये पर रहकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी। मनीष और उसका परिवार उसकी अर्थिक स्थित खराब देख उसे हर तहर से सहायता करता था। ये ही नहीं रचिता की शादी का खर्च भी मनीष की पत्नी ने उठाने का उससे वादा किया था। परन्तु पूरे परिवार का रचिता ने विश्वास तोड़ दिया।

ऐसे हुआ खुलासा

सोमवार शाम करीब 4:30 बजे कुशाग्र कोचिंग सेंटर जान के लिए स्कूटी पर निकला था। इसके पश्चात वह लापता हो गया था। जब परिजन उसको खोज रहे थे तभी स्कूटी सवार एक युवक ने घर में एक पत्र फेंका। जिसमे 30 लाख रुपये फिरौती मांगी गई थी। इस तरह से फिरौती का पत्र लिखा गया था जिससे एक विशेष समुदाय के सदस्य पर संदेह जाए। अलकायदा के नाम से परिजनों को मिले लेटर में अपहरण की बात कही गई थी। पुलिस महकमे में जिसके पश्चात हड़कंप मच गया। इस दौरन अपार्टमेंट के गार्ड राजन ने एक स्कूटी का नंबर बताया, जिसकी मदद से पुलिस की छानबीन को नई दिशा मिली। वही इसके पश्चात मुख्य आरोपी उसकी ट्यूशन टीचर एवं प्रभात शुक्ला तक पहुंच गई।

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