WFI : खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) पर की गई कार्रवाई के खिलाफ संजय सिंह का गुट कोर्ट जा सकता है। संजय सिंह के एक करीबी सूत्र ने बताया कि इस मामले को कानूनी तौर पर निपटाने की तैयारी चल रही है। हम मंत्रालय के निलंबन के फैसले को चुनौती देंगे। हमारी कानूनी टीम इस पर काम कर रही है। खेल मंत्रालय द्वारा WFI पर कार्रवाई के बाद संजय सिंह ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी तक पूरा आदेश नहीं पढ़ा है और उसे पढ़ने के बाद ही वह कोई टिप्पणी करेंगे। निलंबित डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष ने कहा कि मुझे अभी तक पत्र नहीं मिला है। मैं फ्लाइट पर था जब मैंने सुना कि मेरी गतिविधियां रोक दी गई हैं। अब देखते हैं फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।
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डब्ल्यूएफआई को नहीं किया गया बर्खास्त
इस बीच खेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को बर्खास्त नहीं किया गया है। इसे केवल निलंबित किया गया है। उन्हें खेल संस्था के रूप में कार्य करने के लिए नियमों के तहत काम करना होगा। WFI चुनाव के बाद संजय सिंह ने अपनी पूरी तैयारी कर ली और एडहॉक कमेटी द्वारा लिए गए फैसलों पर रोक लगा दी। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर कुश्ती टूर्नामेंट की घोषणा की जिसका साक्षी मलिक जैसी महिला पहलवानों ने विरोध किया। अब संजय सिंह के इन फैसलों के आधार पर खेल मंत्रालय ने कुश्ती महासंघ को यह कहते हुए निलंबित कर दिया है कि नए फैसले लेते समय नियमों की अनदेखी की गई है। इसके बाद मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि अगली सूचना तक कोई गतिविधि नहीं होगी। डब्ल्यूएफआई तदर्थ समिति के संरक्षण में काम करता रहेगा।


