Yogi-Bhagwat : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के बीच मथुरा में मंगलवार को 45 मिनट तक बंद कमरे में हुई मुलाकात को राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस बैठक में योगी ने औपचारिक रूप से मोहन भागवत को महाकुंभ में आने का निमंत्रण दिया, लेकिन चर्चा है कि यह मुलाकात केवल औपचारिकता तक सीमित नहीं थी। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान यूपी की राजनीति, आगामी उपचुनावों और संघ कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी गहन चर्चा हुई।
उपचुनावों पर चर्चा और संघ की भूमिका
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi-Bhagwat) ने उपचुनावों को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में संघ कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका को लेकर बात हुई। हरियाणा चुनावों में संघ कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा को मिले समर्थन के आधार पर, यूपी में भी संघ के कार्यकर्ता भाजपा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे। इससे स्पष्ट होता है कि भाजपा और RSS के बीच 2024 लोकसभा चुनावों के बाद आई खटास अब कम हो रही है।
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संघ और भाजपा के बीच तालमेल
इस बैठक से यह भी संकेत मिला है कि संघ और भाजपा के बीच समन्वय को लेकर बेहतर तालमेल बन रहा है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह उपचुनाव केवल एक राजनीतिक परीक्षा नहीं, बल्कि उनकी छवि और पार्टी के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। संघ की तरफ से फीडबैक और सहायता का सीधा असर इन चुनावों के परिणामों पर देखने को मिल सकता है। 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद मोहन भागवत का गोरखपुर प्रवास भी चर्चा का विषय बना था, जहां योगी और भागवत की गुप्त मुलाकात की खबरें आई थीं। अब मथुरा में हुई इस औपचारिक मुलाकात से यह संकेत मिल रहा है कि संघ, भाजपा और योगी आदित्यनाथ के बीच सब कुछ सामान्य हो रहा है।