Kedarnath Yatra: उत्तराखंड स्थित पवित्र केदारनाथ धाम की यात्रा इस साल न केवल तीर्थ आस्था के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रही है। करीब एक महीने में केदारनाथ यात्रा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में 200 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो चुका है। इस कारोबार में होटल व्यवसाय, हेली सेवा, घोड़ा-खच्चर और डंडी-कंडी सेवाएं शामिल हैं।
तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ और बढ़ती कमाई
बाबा केदार के कपाट 2 मई 2025 को श्रद्धालुओं के लिए खोले गए थे। तब से अब तक 7 लाख से अधिक तीर्थयात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं। यह यात्रा देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में मानी जाती है, जिसमें तीर्थयात्रियों को लगभग 20 किलोमीटर का दुर्गम पहाड़ी रास्ता तय करना होता है।
सेवाओं से होने वाली कमाई का विस्तृत ब्यौरा
- होटल और ठहरने की व्यवस्था से कमाई
होटल व्यवसाय से अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हो चुकी है। इसके अलावा गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) द्वारा संचालित विश्राम गृहों और ध्यान गुफाओं की बुकिंग से 3.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
- हेली सेवा की भारी डिमांड
हेलीकॉप्टर से केदारनाथ यात्रा करने वालों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। 31 मई तक करीब 33,000 तीर्थयात्री हेली सेवा से यात्रा कर चुके हैं, जिससे करीब 35 करोड़ रुपये की आमदनी दर्ज की गई है।
- घोड़ा-खच्चर सेवा से लाभ
केदारनाथ यात्रा में पैदल नहीं चल पाने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में घोड़े-खच्चरों का सहारा लेते हैं। 31 मई तक 1,39,444 श्रद्धालु इन सेवाओं का उपयोग कर चुके हैं, जिससे 40.50 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हुई है।
- डंडी-कंडी से भी अच्छी कमाई
इस बार यात्रा में 7000 से अधिक डंडी-कंडी संचालकों ने पंजीकरण कराया है। अब तक 29,275 तीर्थयात्री डंडी-कंडी सेवा का लाभ ले चुके हैं। इससे 1.16 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी हुई है।
- स्वच्छता और नियमों पर सख्ती
तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ के चलते केदारनाथ प्रशासन स्वच्छता और नियमों के पालन को लेकर सतर्क है। गंदगी फैलाने और नियमों के उल्लंघन पर विभिन्न प्रतिष्ठानों से 2,26,000 रुपये का चालान कर जुर्माना वसूला गया है।