Uttarakhand News : उत्तराखंड के बजट सत्र-2025 की शुरुआत हो चुकी है और राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। राज्यपाल के अभिभाषण पर विधानसभा अध्यक्ष के पारण के बाद पहले दिन की सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। लेकिन आज, बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में धामी कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सबसे अहम प्रस्ताव के रूप में राज्य में नया भू-कानून पारित किया गया, जिसे कैबिनेट ने स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री धामी ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नए भू-कानून को विधानसभा में पेश करने का निर्णय लिया गया है, जिससे विधिवत रूप से इसे लागू करने की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा “प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह से सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, साथ ही प्रदेश की मूल पहचान को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि उनकी (Uttarakhand) सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और वह कभी भी जनता के विश्वास को टूटने नहीं देंगे। इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार राज्य और संस्कृति की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह नया कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।
नए भू-कानून की खासियत
नए भू-कानून में बाहरी व्यक्तियों के लिए राज्य में जमीन खरीदने के संबंध में कड़े प्रावधान किए गए हैं। खासकर हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं, ताकि बाहरी निवेशकों द्वारा अनियंत्रित भूमि खरीद पर रोक लगाई जा सके और स्थानीय लोगों के हित सुरक्षित रह सकें। इस कानून के तहत बाहरी व्यक्तियों के लिए जमीन खरीदने की अधिकतम सीमा 12.5 एकड़ को समाप्त कर दिया गया है, और अब जिलाधिकारी स्तर से अनुमति लेने का प्रावधान किया गया है।
तहसील स्तर पर सुझाव
नए भू-कानून के निर्माण में प्रदेश (Uttarakhand) के विभिन्न तहसील क्षेत्रों से आमजन, प्रबुद्धजन और विभिन्न संस्थाओं से सुझाव लिए गए थे। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए कानून की रूपरेखा तैयार की गई है। साथ ही भू-कानून के प्रावधानों को सख्त बनाया गया है, ताकि उद्योगों और नए निवेशकों में भय का माहौल न बने और उनका निवेश प्रभावित न हो।
ये भी देखें : Sudhanshu Trivedi on Congress: गौरव गोगोई पर सुधांशु त्रिवेदी ने क्यों साधा निशाना?