Uttarkashi Cloudburst: बादल का फटना, बाढ़ का आना ये सब एक प्राकृतिक आपदा है। कहते है कोई चाहे भी तो इसे टाल नहीं सकता, परंतु इससे बचने का रास्ता जरुर ढूंढ़ा जा सकता है। अगर हमें अंदेशा था कि भारी बारिश होने वाली है बादल फटने वाले है तो इससे पहले उस जगह को खाली भी कराया जा सकता था। जी हां हम बात कर रहे है उत्तरकाशी की जहां कुदरत का कहर बरसा है जिसमे ना जानें कितनी जिंदगियां तबहा हो गई।
बता दें कि धराली गांव में कल दोपहर 2 बजे के करीब बादल फटने से खीर गंगा नदी में अचानक उफान आ गया। वहीं इस प्राकृतिक आपदा में अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि 50 से अधिक लोग लापता हैं। राहत की बात यह है कि प्रशासन और बचाव एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 138 से अधिक लोगों को सुरक्षित बचा लिया है। राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
मुख्यमंत्री ने किया मौके का दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार सुबह उत्तरकाशी पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा, “उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। प्रभावितों को शीघ्र और समुचित सहायता पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।”
सीएम धामी ने बताया कि सैलाब की वजह से कई इलाके बाहरी संपर्क से कट गए हैं और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है, जिसे बहाल करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपदा की जानकारी ली है और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।
तैनात की गई विशेष पुलिस और प्रशासनिक टीमें
बता दें कि प्रशासन द्वारा आपदा राहत कार्यों के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विशेष बलों को तैनाती किया गया है। राहत अभियान में दो आईजी, तीन एसपी, एक कमांडेंट, 11 डिप्टी एसपी और कुल 300 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं। इसके अलावा NDRF, SDRF, ITBP और सेना की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। सेना के हेलीकॉप्टर भी राहत कार्यों में जुटे हैं।
मौसम बना बड़ी चुनौती
उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में सबसे बड़ी बाधा बन रही है। खराब मौसम की वजह से हेलीकॉप्टर उड़ान भरने में कठिनाई हो रही है। उत्तरकाशी के सूखी टॉप और हर्षिल क्षेत्रों में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। इनमें दो जवानों सहित 130 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है, जबकि 9 जवान अभी भी लापता हैं।
मौसम विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार अगले कुछ दिनों तक हालात में कोई खास राहत की उम्मीद नहीं है। नैनीताल, चंपावत, उधम सिंह नगर, बागेश्वर, पौड़ी, टिहरी, हरिद्वार और देहरादून समेत सात जिलों में भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है।
धराली में मची तबाही, बाजार और होटल बहे
स्थानीय लोगों के अनुसार, बादल फटने के बाद खीर गंगा में आया तेज बहाव इतना जबरदस्त था कि महज 34 सेकंड के भीतर पूरा धराली गांव तबाह हो गया। इस सैलाब में 20 से 25 होटल और होमस्टे के बह जाने की आशंका जताई जा रही है। कई मकान जमींदोज हो गए हैं और गांव का एक बड़ा हिस्सा सैलाब में बह गया।
धराली गांव गंगोत्री धाम से करीब 20 किलोमीटर पहले स्थित है और यह एक प्रमुख तीर्थ यात्रा पड़ाव है। सैलाब की भयावहता का अंदाजा वहां से वायरल हुए वीडियो से लगाया जा सकता है। वीडियो में लोग भय के मारे चीखते-चिल्लाते हुए नजर आ रहे हैं, जबकि एक अन्य वीडियो में किसी की आवाज सुनाई देती है: “सब कुछ खत्म हो गया।”
शव खोजी कुत्तों की तैनाती
आपदा में मारे गए लोगों की तलाश के लिए अब शव खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है। ADRF ने दिल्ली से एक जोड़े को हवाई मार्ग से लाने की व्यवस्था की है, जबकि बल की तीन टीमें पहले ही उत्तराखंड में राहत कार्यों के लिए तैनात कर दी गई हैं।
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