CAA : CAA को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू के दौरान ये साफ कर दिया है कि नागरिकता संशोधन कानून की कभी भी किसी भी सूरत में वापस नहीं लिया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश में भारतीय नागरिकता सुनिश्चित करना उनका संप्रभु अधिकार है और वे इससे कभी समझौता नहीं करेंगे। शाह ने सीएए के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया और इसे रद्द करना असंभव बताया। उन्होंने विपक्षी नेताओं पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।
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शाह की टिप्पणी
शाह की टिप्पणी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सीएए अधिसूचना पर उनके बयान को लेकर तीखी थी। उन्होंने एक आसन्न परिदृश्य की चेतावनी दी जहां भाजपा किसी भी घुसपैठ को रोकने की कसम खाते हुए बंगाल में सरकार बनाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों के राजनीतिक शोषण के प्रति आगाह किया और शरणार्थियों और घुसपैठियों के बीच अंतर करने में विफल रहने के लिए बनर्जी की आलोचना की।
सीएए के संविधान का उल्लंघन करने के दावों को खारिज करते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि कानून का हर प्रावधान संवैधानिक सिद्धांतों का पालन करता है। उन्होंने विश्वास जताया कि चुनाव के बाद सभी दल इस मामले पर सहयोग करेंगे और विपक्ष के राजनीतिकरण को महज अफवाह बताया। समय-संबंधी प्रश्नों का उत्तर देते हुए, उन्होंने 2019 में घोषित भाजपा के रुख को दोहराया, चुनाव से पहले कानून के कार्यान्वयन पर जोर दिया।
नागरिकता संशोधन अधिनियम धार्मिक आधार पर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करता है। यह इस प्रावधान को मुसलमानों को छोड़कर हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदायों तक विस्तारित करता है। नतीजतन, कानून को विरोध का सामना करना पड़ रहा है, खासकर मुस्लिम समुदाय से।