Nithari Scandal : सनसनीखेज निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की मुश्किलें और गहरी हो गई हैं। सुरेंद्र कोली की कानूनी मुश्किलें अभी खत्म होने वाली नहीं हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा उसे बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमति दे दी है। कोर्ट ने कोली को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए और दलील दी कि कोली कई युवतियों के अपहरण और हत्या के लिए जिम्मेदार है। मूल रूप से ट्रायल कोर्ट ने कोली को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। उसके बरी होने के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने हाई कोर्ट के 16 अक्टूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर अलग-अलग याचिकाओं पर कोली से जवाब मांगा है। मई में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली एक पीड़ित के पिता की याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए कहा था कि सीबीआई की याचिकाओं पर भी उसी के साथ सुनवाई होगी।
पुलिस की मौजूदगी के बावजूद बच्चे गायब
निठारी गांव के निवासियों को याद है कि निठारी हत्याकांड के समय घर के दोनों तरफ पुलिस की गश्त थी। इसके बावजूद बच्चे गायब होते रहे। दावा किया जाता है कि कुछ पुलिस अधिकारी घर के मालिक के साथ पार्टियों में शामिल होते थे और सुबह जल्दी चले जाते थे। मालिक की महिला मित्रों का भी घर पर आना-जाना आम बात थी।
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परिवारों को अभी भी न्याय की उम्मीद
कुछ महीने पहले सेक्टर 31 में मकान डी-5 के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को रिहा कर दिया गया था, जिससे उन बच्चों के परिवारों को बड़ा झटका लगा, जिनके अवशेष मिले थे। पीड़ितों में से एक ज्योति की मां सुनीता अभी भी अपने पति झब्बू के साथ घर के पास कपड़े प्रेस करने का काम करती है। उसे याद है कि गायब होने से पहले उसकी बेटी घर के पीछे एक दर्जी की दुकान पर गई थी।
नरभक्षण के आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी छोटे बच्चों को घर में फुसलाकर लाते थे, उनका यौन शोषण करते थे, उनका गला घोंट देते थे और फिर उनके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर देते थे। कथित तौर पर कुछ हिस्सों को पकाकर खाया जाता था, जबकि अन्य को पास के नाले में फेंक दिया जाता था। घटनाओं का यह भयावह क्रम डेढ़ साल से भी ज़्यादा समय तक चलता रहा। निवासियों का मानना था कि पानी की टंकी के पास एक भूत दिसंबर 2006 तक गायबियों के लिए ज़िम्मेदार था, जब एक लापता लड़की की जांच में कोली के खिलाफ़ आरोप लगे। नौकरी की तलाश में घर से निकली एक महिला के लापता होने की एफआईआर दर्ज होने के बाद गहन जांच शुरू हुई, जिससे निठारी हत्याकांड का खुलासा हुआ।


