Abdullah Azam Khan : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से जुड़े फर्जी पासपोर्ट मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब्दुल्ला आजम खान फिलहाल जेल में बंद हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर सरकार से जवाब मांगा था।
जस्टिस राजीव मिश्रा की सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई की। अब्दुल्ला आजम खान ने गलत जन्मतिथि के साथ फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अब्दुल्ला इस मामले में फिलहाल रामपुर की विशेष अदालत में सुनवाई का सामना कर रहे हैं।
प्रमाणित प्रतियों के लिए अनुरोध
18 जुलाई को हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई की थी, जिसमें अब्दुल्ला ने वीडियो क्लिप और शादी के कार्ड समेत कुछ दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां ट्रायल कोर्ट में जमा करने की अनुमति मांगी थी। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने 19 मार्च के अपने आदेश में इस अनुरोध को खारिज कर दिया था। अब्दुल्ला ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। इस मामले की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट कर रहा है।
मामले की पृष्ठभूमि
अब्दुल्ला के खिलाफ मामला 30 जुलाई 2019 को रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज किया गया था। अब्दुल्ला पर गलत जानकारी के साथ पासपोर्ट बनवाने का आरोप है। फिलहाल यह मुकदमा रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रहा है। धोखाधड़ी और पासपोर्ट अधिनियम से जुड़ी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शिकायत भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने दर्ज कराई थी, जिन्होंने अब्दुल्ला आजम द्वारा पासपोर्ट कार्यालय को दी गई जानकारी और शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में विसंगतियों का आरोप लगाया था।
पासपोर्ट विवरण
शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला आजम को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट नंबर Z-4307442 जारी किया गया था, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दर्ज है, जबकि उनके शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में 1 जनवरी 1993 दर्ज है। शिकायत के बाद पुलिस ने अब्दुल्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया।
आकाश सक्सेना ने आगे आरोप लगाया कि अब्दुल्ला ने पासपोर्ट का इस्तेमाल आर्थिक लाभ के लिए किया, जिसमें व्यापार से जुड़ी विदेश यात्राएं और पहचान पत्र के तौर पर इस्तेमाल शामिल है।


