Sambhal Violence : जामा मस्जिद और हरिहर मंदिर के बीच चल रहे विवाद को लेकर शुक्रवार, 29 नवंबर को चंदौसी स्थित न्यायालय में पहली सुनवाई होगी। वहीं, शुक्रवार को जुमे की नमाज भी अदा की जाएगी, जिसको लेकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, खासतौर पर संभल नगर में सीडीओ और अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों की तैनाती की गई है।
यह मामला 24 नवंबर को उस समय गरमाया जब जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मोहल्ला कोटगर्बी में हिंसा भड़क उठी। पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 19 पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से ही प्रशासन चौकस हो गया है और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने जिले के अधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी है। सीडीओ गोरखनाथ भट्ट, एडीएम न्यायिक सुशील चौबे और अन्य अधिकारियों को मजिस्ट्रेट नियुक्त कर 18 प्रमुख स्थानों पर तैनात किया गया है। इन अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि जुमे की नमाज के दौरान जामा मस्जिद की ओर कोई बड़ा समूह न बढ़े। यदि ऐसा होता है तो समूह को रोका जाएगा और धारा 163 के तहत कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, प्रशासन ने अनावश्यक परेशानियों से बचने के निर्देश दिए हैं।
जामा मस्जिद के आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई
जामा मस्जिद के 200 मीटर के दायरे में एसडीएम वंदना मिश्रा को प्रभारी बनाकर तैनात किया गया है। (Sambhal Violence) उनके साथ डीएसओ शिवि गर्ग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी माधवी पांडे और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। सुरक्षा के लिए पुलिस, पीएसी, आरएएफ के जवानों के साथ-साथ अन्य अधिकारी भी तैनात किए गए हैं।
विवाद वाले क्षेत्र में विशेष ध्यान
जहां 24 नवंबर को हिंसा हुई थी, उस इलाके में सुरक्षा का जिम्मा एडीएम न्यायिक सुशील चौबे को सौंपा गया है। यहां बैरिकेडिंग और पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि स्थिति नियंत्रण में रहे। जामा मस्जिद की ओर जाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, और नमाजियों को पैदल ही मस्जिद तक जाने की अनुमति दी जाएगी।
महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनाती
चौधरी सराय, चंदौसी चौराहा, शंकर चौराहा, अंजुमन चौराहा, ईदगाह, गवां रोड मंडी समिति, गुन्नौर और अन्य इलाकों में भी मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। हर स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। खासकर हिंदूपुरा खेड़ा के इलाके की सुरक्षा की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी राम आशीष और अन्य अधिकारियों को दी गई है, क्योंकि यहां 24 नवंबर को हिंसा में एक युवक की जान गई थी।
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