Sambhal News : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में फिलिस्तीन के समर्थन में एक अनोखा अभियान देखा गया है। गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच लंबे समय से चल रही जंग में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत के बाद संभल में दीवारों, दुकानों और सार्वजनिक स्थलों पर फिलिस्तीन के समर्थन में पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों के ज़रिए न सिर्फ फिलिस्तीन के लोगों के लिए समर्थन जताया जा रहा है, बल्कि इजराइली प्रोडक्ट्स के बहिष्कार की अपील भी की जा रही है।
फ्री गाजा, फ्री फिलिस्तीन का संदेश
संभल के नरौली क्षेत्र समेत अन्य इलाकों में लगाए गए पोस्टरों पर “फ्री गाजा”, “फ्री फिलिस्तीन” जैसे नारे प्रमुख रूप से देखे जा सकते हैं। इन पोस्टरों में मुसलमानों से अपील की गई है कि वे इजराइल में बने उत्पादों को न खरीदें और न ही बेचें। साथ ही यह भी कहा गया है कि इजराइली सामान का बहिष्कार अब हर मुसलमान का धार्मिक कर्तव्य (फर्ज) बन गया है।
इजराइली सामान को बताया हराम
पोस्टरों में इजराइली उत्पादों की तुलना सुअर के मांस और शराब से की गई है, जिन्हें इस्लाम में हराम माना जाता है। एक पोस्टर में लिखा है, “आपके लिए इजराइली सामान खरीदना ऐसे ही हराम है जैसे आपके लिए सूअर का मांस खाना या शराब पीना हराम है।” इस तरह के संदेश लोगों को इजराइली सामानों से दूर रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
Sambhal में सार्वजनिक स्थलों पर लगे पोस्टर
ये पोस्टर सिर्फ दुकानों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि पुलिस चौकियों, मदरसों, और बिजली के खंभों पर भी चस्पा किए गए हैं। इन पोस्टरों में उन सामानों की सूची भी दी गई है, जिन्हें इजराइल से जुड़ा बताया गया है और जिनका बहिष्कार करने की अपील की गई है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य फिलिस्तीनी लोगों के प्रति समर्थन जताना और इजराइल के खिलाफ आर्थिक दबाव बनाना बताया जा रहा है।
अब तक इस युद्ध में 50,000 से अधिक मारे गए फिलिस्तीनी नागरिक
उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर 2023 से फिलिस्तीन में हमास और इजराइल के बीच युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में अब तक इजराइल की ओर से किए गए हमलों में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है। इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से लेकर अब तक 50,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक इस युद्ध में मारे जा चुके हैं।
स्थानीय प्रशासन सतर्क
संभल (Sambhal ) में इस घटनाक्रम को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। फिलहाल यह देखा जा रहा है कि कहीं यह पोस्टरबाजी साम्प्रदायिक तनाव का कारण न बन जाए। पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं।