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Delhi News: डॉ. अभिषेक वर्मा का संदेश, “योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं है, यह हमारी सनातन संस्कृति का मूल…”

by | Jun 16, 2025 | टॉपिक

Dr. Verma: नई दिल्ली के लाजपत भवन ऑडिटोरियम में कल यानी 15 जून 2025 को “योग महाकुंभ” का भव्य आयोजन किया गया। जिसने योग साधकों, शिक्षकों और समाजसेवियों को एक साझा मंच पर एकत्र किया। यह ऐतिहासिक कार्यक्रम अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ (ABYOGASMS Foundation) के तत्वावधान में सम्पन्न हुआ, जिसमें योग के आध्यात्मिक, सामाजिक और राष्ट्रीय महत्व को रेखांकित किया गया।

इस आयोजन के मुख्य अतिथि डॉ. अभिषेक वर्मा (Dr. Verma) रहे, जो एक प्रतिष्ठित उद्योगपति, सनातनी विचारधारा से जुड़े राजनीतिज्ञ और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभा रहे नेता हैं। उनके साथ उनकी सुपुत्री निकोल वर्मा भी मंच पर उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चारण से हुई, जिसने पूरे माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा और शांति से भर दिया।

डॉ. अभिषेक वर्मा ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा, “योग केवल शरीर को स्वस्थ रखने की विधि नहीं है, बल्कि यह हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ है।” उन्होंने भगवद्गीता का उल्लेख करते हुए कहा, “योग: कर्मसु कौशलम्” अर्थात कर्म में कुशलता ही योग है। वेदों में योग को आत्मा की शुद्धि और चित्त की स्थिरता का मार्ग बताया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि आज की भौतिकतावादी और तनावग्रस्त दुनिया में योग ही एकमात्र साधन है, जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रख सकता है।

डॉ. वर्मा (Dr. Verma) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग के प्रचार-प्रसार की सराहना की और कहा कि, “अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भारत की सांस्कृतिक पहचान और योग के महत्व को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का एक ऐतिहासिक कदम है।”

उन्होंने बताया कि शिवसेना (NDA) के आदर्श पुरुष बाला साहेब ठाकरे और पार्टी हमेशा इस सोच के पक्षधर रहे हैं कि राष्ट्र निर्माण आत्मनियंत्रण और संयम से ही संभव है और योग ही इसका मूल साधन है। आयुष मंत्रालय, फिट इंडिया मूवमेंट और डिजिटल योग अभियान जैसे प्रयासों ने योग को हर घर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है।

डॉ. वर्मा ने अंत में देशवासियों से आह्वान किया—

आइए, संकल्प लें: योग अपनाएं, जीवन सजाएं, और भारत को फिर से विश्वगुरु बनाएँ। जय सनातन। जय हिंद।

कार्यक्रम में कई विशिष्ट संत-महात्माओं और योग गुरुओं ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख थे:

  • राजर्षि वेदमूर्ति आचार्य पवन दत्त मिश्रा महाराज जी
  • स्वामी अमित देव जी
  • डॉ. ईश्वर
  • योग गुरु मंगेश त्रिवेदी — जो ABYOGASMS Foundation के संस्थापक हैं।

योग गुरु त्रिवेदी ने कहा कि यह आयोजन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि योग को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक महाअभियान है।

इस योग महाकुंभ में विभिन्न योग संस्थानों, विद्यालयों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम को एक महान आध्यात्मिक उत्सव के रूप में मनाया गया, जिसने यह सिद्ध किया कि योग केवल आसन और प्राणायाम नहीं, बल्कि भारत की आत्मा और संस्कृति की पहचान है।

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