Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोकार्पण कर दिया। पूर्वांचल को जोड़ने वाले इस महत्त्वपूर्ण एक्सप्रेसवे को यातायात की सुगमता और क्षेत्रीय विकास के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा, चिकित्सकीय सहायता और आपात स्थितियों से निपटने के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है।
यात्रियों को किसी भी आपात स्थिति में सिर्फ एक कॉल करना होगा – हेल्पलाइन नम्बर 14449। इस पर कॉल करते ही यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) के जीपीएस से लैस वाहन, एम्बुलेंस और सहायता दल मौके पर पहुंच जाएंगे।
15 वाहनों का सुरक्षा फ्लीट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण समारोह के दौरान भगवानपुर टोल प्लाजा से 15 वाहनों के सुरक्षा फ्लीट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह सुरक्षा बेड़ा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर 24×7 यात्रियों की सहायता के लिए तैनात रहेगा।
एक्सप्रेसवे को दो पैकेज में विभाजित किया गया है। प्रत्येक 45 किलोमीटर के पैकेज में:
- यूपीडा के दो पेट्रोलिंग वाहन (इनोवा),
- कार्यदायी संस्था द्वारा दिए गए सुरक्षा उपकरणों से युक्त दो कैम्पर,
- दो एम्बुलेंस (तत्काल चिकित्सकीय सहायता हेतु),
- एक क्रेन (दुर्घटनाग्रस्त वाहनों को हटाने के लिए),
- एक हायड्रा वाहन (पूरे लिंक एक्सप्रेसवे के लिए) शामिल हैं।
एम्बुलेंस और वाहन होंगे जीपीएस युक्त
यूपीडा के नोडल सिक्योरिटी ऑफिसर, सेवानिवृत्त पुलिस महानिरीक्षक राजेश पांडेय ने जानकारी दी कि जब तक गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस (ऑटोमेटिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) स्थापित नहीं हो जाता, तब तक पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के एटीएमएस कंट्रोल रूम से ही सभी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा।
सभी एम्बुलेंस और अन्य गश्ती वाहन जीपीएस युक्त होंगे, जिससे किसी भी घटना की सूचना मिलते ही कंट्रोल रूम से सबसे नज़दीकी वाहन को तत्काल मौके पर भेजा जा सकेगा।
जल्द लागू होगा एटीएमएस
निकट भविष्य में गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर एटीएमएस लागू किया जाएगा। इस सिस्टम के तहत:
- एक्सप्रेसवे पर निर्धारित दूरी पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे,
- स्पीड कैमरे रफ्तार सीमा के उल्लंघन की निगरानी करेंगे,
- एनपीआर (नम्बर प्लेट रीडर) से वाहनों की पहचान की जाएगी।
इस पूरी प्रणाली की मॉनिटरिंग एकीकृत कंट्रोल रूम से की जाएगी, जिससे एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा।
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