Mainpuri News: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के सकत गांव से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। पिछले 17 सालों में इस गांव के एक ही परिवार के 10 लोगों ने आत्महत्या कर ली है। ताजा मामला शुक्रवार का है, जब इसी परिवार के 18 वर्षीय युवक जितेन्द्र ने फांसी लगाकर जान दे दी।
बताया जा रहा है कि जितेन्द्र शुक्रवार को जामुन खाने के बहाने घर से निकला था और फिर लौटकर नहीं आया। काफी देर इंतजार के बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। करीब दोपहर दो बजे के आसपास गांव दहेड़ के बाहर एक किलोमीटर दूर उसका शव पेड़ से लटका मिला।
क्या है पूरा मामला?
मृतक के दादा हीरालाल ने बताया कि उनका पोता जितेन्द्र सुबह 10 बजे खाना खाने के बाद घर से निकला था। उसने कहा कि वह जामुन खाने जा रहा है और धूप तेज होने के कारण वह अपनी बहन का दुपट्टा भी साथ ले गया। जब वह काफी देर तक वापस नहीं आया तो पिता रामबरन ने उसे ढूंढना शुरू किया, लेकिन वह नहीं मिला।
कुछ घंटों बाद राहगीरों ने घर से लगभग एक किलोमीटर दूर दहेड़ गांव के पास उसका शव पेड़ से लटका देखा और तुरंत इसकी सूचना परिजनों को दी। खबर मिलते ही घर में कोहराम मच गया।
जांच में जुटी पुलिस
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस का कहना है कि प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। मृतक के भाई गजेन्द्र की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। फॉरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल की जांच की।
5 महीनों में 4 आत्महत्याएं
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस परिवार में पिछले 5 महीनों में 4 लोगों ने आत्महत्या की है। साढ़े चार महीने पहले मृतक जितेन्द्र के चचेरे बाबा शेर सिंह ने फांसी लगाकर जान दी थी। इसके एक महीने बाद जितेन्द्र की बहन सौम्या ने भी आत्महत्या कर ली। और फिर मात्र 21 दिन पहले उसके चाचा बलवंत ने खुदकुशी की। अब जितेन्द्र की मौत ने इस त्रासदी को और गहरा कर दिया है।
अब कौन बचा है परिवार में?
अब इस परिवार में जितेन्द्र के पिता रामबरन, मां, एक भाई और एक बहन दीदी विद्या देवी, और दादा हीरालाल ही बचे हैं। वहीं, चाचा बलवंत की पत्नी, उनके तीन बेटे और एक बेटी अभी जीवित हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य, पारिवारिक दबाव और सामाजिक समर्थन तंत्र की गंभीरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बार-बार हो रही आत्महत्याओं के पीछे क्या कोई पारिवारिक या मानसिक समस्या है, इसकी जांच पुलिस और प्रशासन को गहराई से करनी होगी।
गांव में मातम का माहौल
सकत गांव में इस पूरे परिवार की कहानी सुनकर हर कोई स्तब्ध है। गांव में मातम पसरा हुआ है और लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं – आखिर इस परिवार के साथ ऐसा क्यों हो रहा है?
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