Mathura News: उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद से जुड़े बहुचर्चित मामले की सुनवाई 18 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में होगी। दोपहर 2 बजे के बाद शुरू होने वाली इस सुनवाई में कुल 18 याचिकाओं पर एक साथ विचार किया जाएगा। यह मामला धार्मिक, ऐतिहासिक और कानूनी दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जा रहा है।
हिन्दू पक्ष की दलीलें
हिंदू पक्ष की ओर से याचिकाकर्ता और अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वे कोर्ट के सामने इस मामले में त्वरित सुनवाई और निष्पक्ष फैसले की मांग करेंगे। उनका आरोप है कि मुस्लिम पक्ष इस मामले को अनावश्यक रूप से लटकाने की कोशिश कर रहा है, जिसे अब रोका जाना चाहिए।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि हिंदू संगठनों द्वारा प्रस्तावित ‘हिंदू चेतना यात्रा’ पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है और कोर्ट से इस पर रोक लगाने की मांग की है। इस मुद्दे पर भी आज सुनवाई के दौरान चर्चा होने की संभावना है।
हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर किया गया है, और 17वीं सदी में मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में प्राचीन केशवदेव मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई थी।
मुस्लिम पक्ष की प्रतिक्रिया
मुस्लिम पक्ष इस दावे को पूरी तरह खारिज करता है। उनका कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद की ऐतिहासिक और कानूनी वैधता है। उनका तर्क है कि यह संपत्ति समझौते और दस्तावेजों के आधार पर वैध है और किसी भी तरह के तोड़फोड़ या अवैध कब्जे का कोई प्रमाण नहीं है।
इस विवाद में मुख्य रूप से तीन प्रमुख बिंदु शामिल हैं।
- मंदिर की जमीन पर स्वामित्व
- पूजा का अधिकार
- स्थल की पुरातात्विक जांच की मांग
क्या है मामला?
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच का यह विवाद दशकों पुराना है। हिंदू पक्ष का कहना है कि मथुरा में स्थित यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण का वास्तविक जन्मस्थान है, और यह जमीन मूल रूप से केशवदेव मंदिर की थी जिसे ध्वस्त कर मस्जिद बनाई गई।
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