Kishore Kumar: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में अगर किसी गायक ने अपनी आवाज़ और अंदाज़ से दशकों तक राज किया है, तो वह हैं किशोर कुमार। उनका नाम लेते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और कानों में उनके सदाबहार गानों की धुनें गूंजने लगती हैं। आज भी उनकी आवाज़ का जादू कम नहीं हुआ है। हर उम्र के लोग उन्हें सुनना पसंद करते हैं और उनकी प्लेलिस्ट में उनके गाने जरूर होते हैं।
मध्य प्रदेश से था गहरा नाता
4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे किशोर कुमार का इस राज्य से गहरा जुड़ाव रहा है। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। वह सिर्फ एक गायक ही नहीं बल्कि अभिनेता, संगीतकार, निर्माता और निर्देशक भी थे। उनके भाई अशोक कुमार भी हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता रहे। दोनों भाई अपने उसूलों और अनुशासन के लिए पहचाने जाते थे।
काम को लेकर बेहद गंभीर
किशोर कुमार जितने मस्तीभरे और हंसमुख स्वभाव के थे, उतने ही काम के प्रति गंभीर भी। वे समय के बहुत पाबंद थे और काम के वक्त कोई मजाक या अनावश्यक बातचीत पसंद नहीं करते थे। कहा जाता है कि बिना पैसे लिए उन्होंने कभी कोई गाना नहीं गाया।
उनके मजाकिया स्वभाव से जुड़े कई किस्से आज भी मशहूर हैं, जिनमें से एक सबसे चर्चित किस्सा रहा…
जब डायरेक्टर का ‘हाथ काट लिया‘
एक बार मशहूर निर्देशक एचएस रवैल पैसे देने के लिए किशोर कुमार के घर पहुंचे। उनके घर के बाहर एक बोर्ड टंगा था जिस पर लिखा था — “Beware of Kishore”। जैसे ही निर्देशक ने पैसे दिए और हाथ मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया, किशोर कुमार ने मजाक में उनका हाथ काट लिया।
जब डायरेक्टर ने हैरान होकर पूछा कि ऐसा क्यों किया, तो किशोर दा ने हंसते हुए जवाब दिया —”क्या आपने बाहर बोर्ड नहीं पढ़ा था?” किशोर दा की यही अनोखी पर्सनैलिटी उन्हें औरों से अलग बनाती थी।
जल्द आएगी बायोपिक
गायन के साथ-साथ किशोर कुमार ने अभिनय में भी अपनी छाप छोड़ी है। अब उनकी जिंदगी को बड़े पर्दे पर उतारने की तैयारी चल रही है। फिल्म निर्देशक अनुराग बसु पिछले 10 सालों से किशोर दा की बायोपिक पर काम कर रहे हैं। पहले उनकी पहली पसंद अभिनेता रणबीर कपूर थे, लेकिन उन्होंने यह फिल्म करने से मना कर दिया।
अमर हैं उनके गाने
किशोर कुमार ने सिनेमा को कई अनमोल गाने दिए हैं, जो आज भी लोगों के दिलों को छूते हैं। कुछ बेहतरीन गाने जो आज भी उतने ही पसंद किए जाते हैं:
- “एक चतुर नार”
- “खाई के पान बनारस वाला”
- “तेरे जैसा यार कहां”
- “नीले नीले अंबर पर”
- “सैय्यारा”
उनके गानों में एक खास मिठास और जादू होता था, जो हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है।
किशोर कुमार सिर्फ एक गायक नहीं थे, वे एक संपूर्ण कलाकार थे। उनकी आवाज़, उनका अंदाज़, और उनका जीवन जीने का तरीका आज भी लोगों के लिए प्रेरणा है। भले ही वह आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके गाए गीत, उनके किस्से और उनकी मुस्कान हमेशा लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे।
“एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल,
जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल…” — और किशोर दा के ये बोल हमेशा अमर रहेंगे।
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