Gayatri Prajapati Attack: लखनऊ की जिला जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति पर मंगलवार शाम को एक कैदी ने हमला कर दिया। हमला इतना तेज था कि उनके सिर पर गंभीर चोट आई और डॉक्टरों को छह टांके लगाने पड़े। इसके बाद उन्हें ट्रॉमा सेंटर में इलाज के लिए ले जाया गया।
हमले के बाद पूर्व मंत्री के परिवार ने इसे एक साजिश करार दिया और जेल में उनकी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उनकी बेटी अंकिता प्रजापति का कहना है कि उनके पिता पिछले आठ साल से एक झूठे आरोप (सामूहिक दुष्कर्म) में जेल में हैं, जबकि पीड़िता का कभी मेडिकल तक नहीं हुआ। अंकिता ने कहा, “हमारी बात किसी ने नहीं सुनी। हमने मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। मेरे पिता निर्दोष हैं और अब उनकी जान को भी खतरा है।”
“एक सोची-समझी साजिश” – सपा विधायक
उनकी पत्नी और सपा विधायक महाराजी प्रजापति ने सवाल उठाया कि जब जेल में सुई तक ले जाना मुमकिन नहीं, तो चाकू या रॉड कैसे पहुंच गई? उन्होंने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया और सरकार से न्याय की मांग की।
जेल प्रशासन का कहना है कि हमला विश्वास नाम के एक बंदी ने किया, जो सफाई का काम करता था। बताया जा रहा है कि गायत्री प्रजापति ने उसे पानी लाने को कहा था। देर होने पर कुछ कह दिया, जिससे बहस हो गई और गुस्से में आकर बंदी ने मेज की दराज से लोहे की रॉड निकालकर हमला कर दिया। इस दौरान जेल के अधिकारी मौके पर पहुंचे और तुरंत उन्हें प्राथमिक इलाज देकर ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
फिलहाल गायत्री प्रजापति की हालत स्थिर है और वह ठीक हैं। जेल अधिकारियों का कहना है कि कोई बड़ा खतरा नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्हें बाहर इलाज के लिए भेजा गया।
“अब कोई सुरक्षित नहीं” – अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस हमले की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि “उत्तर प्रदेश में अब कोई सुरक्षित नहीं है। जेल के अंदर भी नेताओं पर हमला हो रहा है, यह गंभीर चिंता का विषय है।”
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बता दें कि गायत्री प्रजापति सपा सरकार में खनन मंत्री थे और उन पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप है, जिस मामले में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। वह कई बीमारियों से भी जूझ रहे हैं, इसलिए जेल के अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा था।
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