Greater Noida Building Collapse: दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। रबूपुरा थाना क्षेत्र के नगला हुकुम सिंह गांव में तीन मंजिला इमारत का लेंटर (शटरिंग) हटाते समय बिल्डिंग अचानक ढह गई। हादसे के वक्त मौके पर मौजूद 11 मजदूर मलबे के नीचे दब गए। इनमें से 4 मजदूर जीशान, शाकिर, नदीम और कामिल की मौत हो गई, जबकि बाकी 7 को पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने काफी प्रयास के बाद बाहर निकाला और इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
हादसे के बाद हड़कंप, विधायक भी पहुंचे मौके पर
हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस, एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और प्राधिकरण के अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। जेवर विधायक भी घटना स्थल पहुंचे और पूरे मामले की जांच कराने व मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी देने की बात कही।
बताया जा रहा है कि मजदूर अधिक मुआवजे के लालच में यहां निर्माण करवा रहे थे, और यह निर्माण अवैध था। हालांकि पुलिस ने अभी ऐसी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
क्या हुआ था हादसे के वक्त?
• तीसरी मंजिल का लेंटर डालने के बाद उसकी शटरिंग हटाई जा रही थी।
• इसी दौरान पूरी इमारत अचानक ढह गई, जिससे नीचे की दोनों मंजिलें भी गिर गईं।
• 11 मजदूर मलबे में दब गए, 4 की मौके पर ही मौत हो गई।
क्या निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, जिस जगह यह बिल्डिंग बन रही थी, हाल ही में वहां प्राधिकरण ने अवैध निर्माण पर बुलडोज़र चलाया था। इसके बावजूद फिर से निर्माण शुरू कर दिया गया था। यह किसके कहने पर हुआ, इसकी जांच अभी जारी है।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे
ग्रेटर नोएडा में अवैध निर्माण के कारण हादसे नई बात नहीं है। 2018 में शाहबेरी में छह मंजिला इमारत गिरने से कई लोगों की जान गई थी। उसके बाद लगभग 200 इमारतों को अवैध घोषित कर बंद कर दिया गया था, लेकिन बावजूद इसके वहाँ छिपकर निर्माण कार्य जारी रहता है।
हादसे में मारे गए मजदूर अपने घरों के अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत से परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। परिजन उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार या प्राधिकरण उन्हें आर्थिक सहायता देगा।
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