Bareilly Retired Subedar: उत्तर प्रदेश के बरेली में रहने वाले 83 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार भूदेव शर्मा इन दिनों इंसाफ की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं। देश की सीमाओं पर तीन बड़े युद्ध लड़ चुके इस सैनिक का कहना है कि आज उन्हें अपने ही शहर में भूमाफिया और राजनीतिक रसूखदार लोगों की मिलीभगत का शिकार होना पड़ रहा है।
उनका आरोप है कि करोड़ों की उनकी जमीन हड़पने के लिए होटल काल्टन के मालिक सुमित भारद्वाज ने पूरा गैंग तैयार कर रखा है, जो न सिर्फ झूठे मुकदमे लिखवा रहा है, बल्कि उन्हें जान से मारने तक की कोशिश कर चुका है। परेशान होकर सूबेदार ने अब एसपी सिटी मानुष पारीक को लिखित शिकायत दी है।
कैसे शुरू हुई पूरी कहानी?
बरेली के थाना सुभाषनगर क्षेत्र के करगैना निवासी सूबेदार भूदेव शर्मा बताते हैं कि उनकी जमीन पर कब्जे की यह कहानी बेहद सोची-समझी साजिश के तहत शुरू हुई। पहले उनके खिलाफ तीन झूठी FIR दर्ज कराई गईं ताकि उनपर लगातार दबाव बनाया जा सके। फिर उनपर दो बार जानलेवा हमला हुआ।
• पहला हमला: सूबेदार को गोली मारी गई, वे गंभीर रूप से घायल हुए और कई दिन अस्पताल में रहे।
• दूसरा हमला: ठीक होने के बाद घर लौटे तो उनपर गाड़ी चढ़ाकर मारने की कोशिश की गई।
सूबेदार का आरोप है कि यह सब सुमित भारद्वाज के इशारे पर हुआ, जो उनकी जमीन अपने कब्जे में लेना चाहता है।
40–50 लोगों का गैंग लेकर पहुंचे जमीन पर
सबसे डराने वाली घटना 14 दिसंबर 2024 को हुई। सूबेदार शर्मा के मुताबिक एक दिन करीब 40–50 लोग हथियारों और JCB मशीन के साथ उनकी जमीन पर आ धमके। वे खुद को नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल और होमगार्ड बता रहे थे और जमीन पर कब्जा करने की तैयारी में थे। सूबेदार ने तुरंत 112 नंबर पर कॉल किया, तब जाकर पुलिस पहुंची और कब्जा होने से बच गया। लेकिन उसकी बाद भी अब तक किसी आरोपी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
फर्जी बैनामे कराकर जमीन हड़पने की कोशिश
सूबेदार का दावा है कि गैंग ने योजना बनाकर उनकी दो अलग-अलग जमीनों के फर्जी बैनामे भी करवा दिए —
• 331.342 वर्ग मीटर
• 247.954 वर्ग मीटर
ये बैनामे ऋषि गुप्ता और उनकी पत्नी रुवी गुप्ता के नाम कराए गए।
एक के बाद एक झूठे केस
83 साल की उम्र में थाने और कोर्ट के चक्कर काटते हुए सूबेदार बताते हैं कि गैंग का तरीका बेहद खतरनाक है। “पहले झूठे मुकदमे लिखवाओ, फिर जमीन पर कब्जा कर लो।”
• सुमित भारद्वाज ने सूबेदार, कृष्ण गोपाल और वाचस्पति शर्मा के खिलाफ SC/ST एक्ट में झूठा केस दर्ज कराया।
• जांच में सूबेदार और कृष्ण गोपाल निर्दोष पाए गए और उनके नाम FIR से हटा दिए गए।
• वाचस्पति शर्मा का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है।
11 अप्रैल 2024 को एक और FIR दर्ज हुई, जिसकी जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है।
चकबंदी में भी साजिश का आरोप
सूबेदार बताते हैं कि चकबंदी विवाद में भी उनके खिलाफ चाल चली गई। संजीव खंडेलवाल ने दावा किया कि उनकी खतौनी में दर्ज नाम फर्जी हैं और बिना सूबेदार व उनके बेटों को पक्षकार बनाए एकतरफा आदेश पास करा लिया गया। इस मामले मेंं अब उप संचालक चकबंदी बरेली के पास चुनौती दी गई है और सिविल जज सीनियर डिवीजन में भी केस लंबित है, जिसमें अमीन की रिपोर्ट कोर्ट में जमा हो चुकी है।
न्याय की उम्मीद में दर-दर भटक रहे सूबेदार
देश की सेवा में अपनी पूरी जिंदगी लगा देने वाले 83 वर्षीय भूदेव शर्मा कहते हैं कि वे अब अपनी जमीन और सम्मान बचाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी उम्र इस दौड़-भाग की नहीं है, लेकिन मजबूरी है। वे पुलिस, प्रशासन और अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं, पर अभी तक उन्हें इंसाफ नहीं मिल पाया है।
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