Bangladesh Hindu Protest: बांग्लादेश में एक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना को लेकर सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका में भी नाराजगी देखने को मिल रही है अब यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनता जा रहा है।
मंगलवार को भारत में विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने नई दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और खासतौर पर दीपू चंद्र दास की हत्या के खिलाफ कड़ा विरोध जताया इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।
इसी बीच बांग्लादेश ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय में तलब किया बांग्लादेशी अखबार प्रोथोम आलो के मुताबिक, यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की ओर इशारा करता है भारत ने साफ कहा है कि वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और अपने राजनयिक मिशनों की सुरक्षा को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है और ढाका की ओर से फैलाए जा रहे भ्रामक नैरेटिव को खारिज करता है।
भारत-बांग्लादेश के बीच तनाव क्यों बढ़ा?
इस तनाव की दो बड़ी वजहें बताई जा रही हैं पहली, पिछले साल हुए जुलाई आंदोलन से जुड़े प्रमुख आयोजक शरीफ उस्मान हादी की गोली मारकर हत्या, जिसके बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए दूसरी और ज्यादा संवेदनशील घटना, मैमनसिंह जिले में काम करने वाले हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या।
आरोप है कि दीपू पर झूठा धार्मिक अपमान का आरोप लगाया गया था इसके बाद भीड़ ने उन्हें बेरहमी से पीटा, आग लगा दी और शव को सड़क पर छोड़ दिया इस घटना ने बांग्लादेश के साथ-साथ दुनिया के कई देशों में गुस्सा पैदा कर दिया।
अमेरिका में भी उठी विरोध की आवाज
अमेरिका से भी इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि वे बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता के बीच दीपू चंद्र दास की हत्या से बेहद दुखी और स्तब्ध हैं उन्होंने बांग्लादेश सरकार से निष्पक्ष जांच, दोषियों को सख्त सजा और धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि सिर्फ गिरफ्तारी काफी नहीं है, बल्कि कानून का राज बहाल करना जरूरी है न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली की सदस्य जेनिफर राजकुमार ने भी चिंता जताते हुए कहा कि यह हत्या बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा का हिस्सा है।
अल्पसंख्यकों पर कितनी हिंसा?
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद के अनुसार, अगस्त 2024 से जुलाई 2025 के बीच अल्पसंख्यकों के खिलाफ 2,400 से ज्यादा हिंसक घटनाएं हुईं इस दौरान 150 से अधिक मंदिरों में तोड़फोड़ की गई।
भारत में VHP के प्रदर्शन और अमेरिका में सांसदों की खुली नाराजगी से साफ है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रही हिंसा अब सिर्फ देश के अंदर की बात नहीं रही, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनती जा रही है।
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