राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

21 Aug Ka Panchang : पंचांग के पांच तत्वों के साथ जानिए आज का शुभ समय और राहुकाल

by | Aug 21, 2024 | बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Aaj Ka Panchang : हिंदू पंचांग ​​जिसे वैदिक पंचांग के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर में समय और घटनाओं की गणना करने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्राचीन और सटीक प्रणाली है। यह पाँच प्रमुख तत्वों से बना है, जो शुभ क्षणों (मुहूर्त), अशुभ अवधियों (राहु काल), सूर्योदय और सूर्यास्त के समय, चंद्र दिवस (तिथि), सूर्य और चंद्रमा की स्थिति, हिंदू महीने और पखवाड़े (पक्ष) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।

तिथि (चंद्र दिवस): हिंदू समय-निर्धारण में, तिथि वह समय है जो सूर्य और चंद्रमा के बीच कोणीय दूरी को 12 डिग्री तक बढ़ने में लगता है। एक चंद्र महीने में 30 तिथियाँ होती हैं, जिन्हें दो चरणों में विभाजित किया जाता है: शुक्ल पक्ष (बढ़ता हुआ चरण) और कृष्ण पक्ष (घटता हुआ चरण)। शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा (पूर्णिमा) के रूप में जाना जाता है, और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या (नया चंद्रमा) है।

नक्षत्र (नक्षत्र): नक्षत्र एक तारामंडल या आकाशीय क्षेत्र में तारों का एक समूह है। कुल 27 नक्षत्र हैं और प्रत्येक नौ ग्रहों में से एक से संबंधित है। ये नक्षत्र ज्योतिष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और विभिन्न घटनाओं के लिए शुभ समय निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।

नक्षत्रों के नाम: अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वा आषाढ़, उत्तरा आषाढ़, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद, रेवती।

वारा (सप्ताह का दिन): वारा सप्ताह के दिनों को संदर्भित करता है। सप्ताह में सात दिन होते हैं और प्रत्येक दिन एक विशिष्ट ग्रह से जुड़ा होता है। ये दिन हैं: सोमवार (सोमवार), मंगलावर (मंगलवार), बुधवार (बुधवार), गुरुवार (गुरुवार), शुक्रावर (शुक्रवार), शनिवार (शनिवार), रविवार (रविवार)।

योग: नक्षत्रों के समान, योग संख्या में 27 हैं और सूर्य और चंद्रमा के बीच विशिष्ट कोणीय दूरी पर आधारित हैं। शुभ तथा अशुभ समय का निर्धारण करने के लिए योगों का प्रयोग किया जाता है।

योगों के नाम: विष्कुंभ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगंड, सुकर्मा, धृति, शूल, गंड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यतिपात, वारियान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्मा, इंद्र, वैधृति।

करण: प्रत्येक तिथि को दो करणों में विभाजित किया गया है – एक पहले भाग में और दूसरा दूसरे भाग में। कुल 11 करण होते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं: बव, बलव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग, किंस्तुघ्न। विष्टि करण को भद्रा के नाम से भी जाना जाता है और इसे नए उद्यम शुरू करने के लिए अशुभ माना जाता है।

  • सूर्योदय                 05:53 ए एम   
  • सूर्यास्त                 06:54 पी एम
  • चन्द्रोदय      08:08 पी एम 
  • चन्द्रास्त      07:20 ए एम
  • तिथि  द्वितीया – 05:06 पी एम तक               
  • नक्षत्र  पूर्व भाद्रपद – 12:33 ए एम, अगस्त 22 तक
  • तृतीया                   उत्तर भाद्रपद
  • योग   सुकर्मा – 05:01 पी एम तकⓘ              
  • करण  तैतिल – 06:49 ए एम तकⓘ
  • धृतिⓘ                  गर – 05:06 पी एम तकⓘ
  • वार    बुधवारⓘ                            
  • वणिज – 03:25 ए एम, अगस्त 22 तकⓘ
  • पक्ष   कृष्ण पक्ष                            विष्टिⓘ
  • शक सम्वत   1946 क्रोधी                   चन्द्रमास     भाद्रपद – पूर्णिमान्त
  • विक्रम सम्वत  2081 पिङ्गल       श्रावण – अमान्त
  • गुजराती सम्वत 2080 राक्षस        
  • चन्द्र राशि    कुम्भ – 07:12 पी एम तक      
  • नक्षत्र पद     पूर्व भाद्रपद – 08:30 ए एम तक
  • मीन                        पूर्व भाद्रपद – 01:51 पी एम तक
  • सूर्य राशि     सिंह                        पूर्व भाद्रपद – 07:12 पी एम तक
  • सूर्य नक्षत्र     मघा                        पूर्व भाद्रपद – 12:33 ए एम, अगस्त 22 तक
  • सूर्य नक्षत्र पद मघा                        उत्तर भाद्रपद
  • द्रिक ऋतु     वर्षा         दिनमान      13 घण्टे 00 मिनट्स 30 सेकण्ड्स
  • वैदिक ऋतु    वर्षा         रात्रिमान      11 घण्टे 00 मिनट्स 00 सेकण्ड्स
  • द्रिक अयन    दक्षिणायण    मध्याह्न      12:24 पी एम
  • वैदिक अयन   दक्षिणायण          
  • ब्रह्म मुहूर्त    04:25 ए एम से 05:09 ए एम    
  • प्रातः सन्ध्या  04:47 ए एम से 05:53 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त कोई नहीं    
  • विजय मुहूर्त   02:34 पी एम से 03:26 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त  06:54 पी एम से 07:16 पी एम   
  • सायाह्न सन्ध्या      06:54 पी एम से 08:00 पी एम
  • अमृत काल    05:25 पी एम से 06:51 पी एम   
  • निशिता मुहूर्त  12:02 ए एम, अगस्त 22 से 12:46 ए एम, अगस्त 22
  • राहुकाल 12:24 पी एम से 02:01 पी एम           
  • यमगण्ड      07:31 ए एम से 09:08 ए एम
  • गुलिक काल   10:46 ए एम से 12:24 पी एम
  • विडाल योग   05:53 ए एम से 12:33 ए एम, अगस्त 22
  • वर्ज्य   08:52 ए एम से 10:17 ए एम    
  • दुर्मुहूर्त 11:57 ए एम से 12:50 पी एम
  • बाण   रज – 12:40 ए एम, अगस्त 22 तक   
  • भद्रा   03:25 ए एम, अगस्त 22 से 05:54 ए एम, अगस्त 22
  • पञ्चक पूरे दिन
  • आनन्दादि योग पद्म – 12:33 ए एम, अगस्त 22 तक               
  • तमिल योग   सिद्ध – 12:33 ए एम, अगस्त 22 तक
  • लुम्बक                  मरण
  • जीवनम पूर्ण जीवन𝟣        नेत्रम  दो नेत्र𝟤
  • होमाहुति      मंगल♂ 
  • दिशा शूल     उत्तर
  • अग्निवास     पाताल – 05:06 पी एम तकⓘ              
  • नक्षत्र शूल    दक्षिण – 12:33 ए एम, अगस्त 22 तक
  • पृथ्वी     
  • चन्द्र वास     पश्चिम – 07:12 पी एम तक
  • राहु वास      दक्षिण-पश्चिम
  • भद्रावास      मृत्यु – 03:25 ए एम, अगस्त 22 से पूर्ण रात्रि तक                     
  • उत्तर – 07:12 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
  • शिववास      सभा में – 05:06 पी एम तक 
  • क्रीड़ा मेंShiva Linga          कुम्भ चक्र    उत्तर

ये भी पढ़ें : 20 August 2024 : कन्या राशि के लिए आज का दिन होगा बेहद खास, जानिए बाकी राशियों का हाल

ये भी देखें : Cm Yogi News : कोलकाता लेडी डॉक्टर रेपकांड ममाले को लेकर सपा पर भड़के मुख्यमंत्री | Latest News |

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर