India-Pakistan Ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले भीषण सैन्य टकराव के बाद जब दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई, तो यह निर्णय अब देश के अंदर राजनीतिक घमासान का रूप ले चुका है।
जहां एक ओर यह कूटनीतिक कदम सीमा पर शांति लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है, वहीं विपक्षी दलों, खासकर आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
‘पीओके का छोड़ा मौका, मोदी का देश के साथ धोखा’ – AAP
दिल्ली में आप कार्यकर्ताओं ने ओखला स्थित मोदी फ्लोर मिल्स के पास एक फुटओवर ब्रिज पर प्रदर्शन किया, जिसमें वे “पीओके का छोड़ा मौका, मोदी का देश का धोखा” जैसे नारों से सरकार पर बरसते नजर आए।
बैनर और पोस्टरों के ज़रिए आप कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला बोला।
अमेरिका की भूमिका पर भी उठाए सवाल
आप के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रविवार को सीजफायर की घोषणा को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा “भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई। यह भारत की संप्रभुता पर सीधा प्रहार है।”
संजय सिंह ने सवाल उठाया कि जब भारत ने पिछले 78 वर्षों में कभी भी किसी तीसरे देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं किया, तो अब अमेरिका इस मामले में कैसे आ गया?
उन्होंने कहा “भारत एक संप्रभु राष्ट्र है और अपने फैसले खुद लेने में सक्षम है। अमेरिका या किसी अन्य देश को हमारी संप्रभुता, स्वाभिमान और सम्मान से खेलने की इजाजत नहीं है।”
‘देश इस शौर्य को नमन करता है’ – संजय सिंह
संजय सिंह ने आगे कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की गई। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया, जिसमें कई कुख्यात आतंकी मारे गए।
उन्होंने कहा “भारतीय सेना ने अद्वितीय पराक्रम और शौर्य दिखाते हुए आतंक के ठिकानों पर प्रहार किया। देश इस शौर्य को नमन करता है। हमारे जवानों ने अपने प्राणों की आहुति देकर हर हमले का जवाब दिया है।”
सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने किया उल्लंघन
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद, 7 मई को भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत बड़ी कार्रवाई की थी। इसके बाद हालात इतने बिगड़ गए कि भारत-पाकिस्तान के रिश्ते दो दशकों में पहली बार बेहद तनावपूर्ण मोड़ पर पहुंच गए।
भारत ने पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को ध्वस्त कर दिया, जिसके बाद पाकिस्तान ने 10 मई को सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे आपसी बातचीत के बाद स्वीकार कर लिया गया।
हालांकि, सीजफायर लागू होने के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने इसका उल्लंघन कर दिया, जिसका भारतीय सेना ने तत्काल जवाब दिया।
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