Bihar Election 2025: बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं। IRCTC घोटाले में अदालत ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव पर आरोप तय कर दिए हैं। वहीं, “लैंड फॉर जॉब” यानी ज़मीन के बदले नौकरी मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने फैसला फिलहाल टाल दिया है, जो अब 10 नवंबर को आ सकता है।
क्या है IRCTC घोटाला मामला?
IRCTC घोटाले में लालू यादव और उनके परिवार पर आरोप है कि जब वे रेल मंत्री थे, उस दौरान रेलवे के होटलों के टेंडर देने में गड़बड़ी हुई। सीबीआई ने इस मामले की जांच की और आरोप लगाए कि नियमों को ताक पर रखकर टेंडर दिए गए। इस मामले में अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव ने आरोपों को मानने से इनकार कर दिया है और कहा है कि वे मुकदमे का सामना करेंगे।
क्या है लैंड फॉर जॉब केस घोटाले की कहानी?
इस केस की जड़ें उस वक्त की हैं जब लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री थे। सीबीआई के मुताबिक, उस दौरान रेलवे में ग्रुप डी की नौकरियां देने के बदले लोगों से जमीन ली गई। यानी नौकरी के बदले जमीन! कई मामलों में पैसों का लेन-देन नकद में हुआ, जिससे भ्रष्टाचार की आशंका और बढ़ जाती है।
CBI की चार्जशीट के मुताबिक कुल 1,05,292 वर्ग फुट जमीन ऐसे ही लेन-देन में आई। यह जमीन पटना और आसपास के इलाकों में बताई जा रही है। इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और कुल 14 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। आरोप भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराओं के तहत लगाए गए हैं, जिनमें धोखाधड़ी, साजिश और जालसाजी शामिल हैं।
चुनाव से पहले राजनीतिक असर
यह पूरा मामला ऐसे समय में सामने आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं। महागठबंधन के तहत सीटों का बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है और ऐसे में यह कानूनी झटका आरजेडी के लिए बड़ा नुकसान साबित हो सकता है।
लालू यादव पहले से ही चारा घोटाले में सजा काट चुके हैं और कई बार जेल भी जा चुके हैं। अब IRCTC और लैंड फॉर जॉब जैसे मामलों में फिर से अदालत में पेशी और सुनवाई शुरू होना उनके और उनके परिवार के लिए चिंता की बात है।
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