Caste Census News : उत्तर प्रदेश की सियासत में जातीय जनगणना को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है। योगी सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (OP Rajbhar) ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव का जातीय जनगणना को लेकर किया गया दावा पूरी तरह झूठा है और उनके कार्यकाल के अनुभव इसके उलट कहानी बयां करते हैं।
“अधिकार छीनने वाले अब हक की बात कर रहे हैं”
ओम प्रकाश राजभर ने सपा प्रमुख के उस बयान पर निशाना साधा जिसमें अखिलेश ने कहा था कि “कास्ट सेंसस से 90 फीसदी आबादी को 100 फीसदी हक मिलेगा”। राजभर ने पलटवार करते हुए कहा, “यह जानकर हैरानी होती है कि जो लोग अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में अधिकार छीनते रहे, वे अब हक की बात कर रहे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने अपने पांच साल के शासन में पुलिस, ग्राम सेवक और लेखपाल जैसी सेवाओं में जातिगत आधार पर भर्ती नहीं की, जिससे यह साबित होता है कि वे सिर्फ दिखावटी चिंता जता रहे हैं।
“पीडीए की बात करते तो करते पिछड़ों की भर्ती”
मंत्री राजभर (OP Rajbhar) ने आगे कहा कि अगर वाकई अखिलेश यादव ‘पीडीए’ यानी पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक की बात करते, तो अपने शासनकाल में इन वर्गों की सरकारी नौकरियों में भागीदारी सुनिश्चित करते। उन्होंने दावा किया कि “जातीय जनगणना की मांग ने अखिलेश यादव की जमीन खिसका दी है और इसी कारण वे बौखलाहट में हैं।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर भी उठाए सवाल
राजभर ने समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों को पार्टी दफ्तर बुलाया जाता है, उन्हें पैसे और खाना देकर भीड़ जुटाई जाती है। “जो लोग अखिलेश की प्रेस कांफ्रेंस में नज़र आते हैं, वो सच्चे समर्थक नहीं बल्कि बीजेपी और सुभासपा के लोग हैं। कुछ तो सिर्फ खाना खाने और ₹1000 लेने ही आते हैं,” राजभर ने तंज कसा।
“जिसके भरोसे लड़ रहे हैं, उसे MLA का मतलब भी नहीं पता” – राजभर
अपने बयान के अंत में राजभर ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “जिसके भरोसे अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं, उसे MLA का फुलफॉर्म तक नहीं पता और राष्ट्रगान कितनी देर में गाया जाता है, इसकी भी जानकारी नहीं है।” उन्होंने कहा कि अब अखिलेश यादव पूरी तरह बौखला चुके हैं और दुविधा में फंसे हुए हैं कि अब आगे क्या किया जाए।
राजभर के इस बयान से साफ है कि उत्तर प्रदेश में आगामी चुनावों से पहले जातीय जनगणना और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर सियासी संग्राम और तेज होने वाला है।