उत्तर प्रदेश पुलिस यूपी की कानून – व्यवस्था को श्रेष्ठ बनाने के लिए नए प्रयोग कर रही है। पुलिस कर्मचारियों के लिए क्लाउड बेस्ड आर्किटेक्चर डिजायन की सहायता से खास नेटवर्क का इंतज़ाम करेंगे। इस खास नेटवर्क (एमटूएम) सिम के जरिये पूरे प्रदेश में पुलिस पूरे प्रदेश में पुलिस कर्मचारियों को एक साथ 30 मिलियन सेकंड में कॉल कनेक्ट होने के साथ वीडियो भी सेंड कर सकेंगे। उसके साथ ही रिस्की ऑपरेशन में एक बटन प्रेस करते ही वीडियो शासन के अधिकारियो और डीजीपी विडो को लाइव देख सकेंगे। साइबर अटेक से ये एप बिलकुल सुरक्षित रहेगा।
बॉडर एरिया पर बात करने की समस्या होगी दूर
आपको बता दें कि हाल ही में जब पुलिस रेडियो मुख्यालय की स्थापना हुई थी। वही समारोह में आईपीएस अधिकारियों ने इस नयी तकनीक के बारे में मंथन किया था। इसे और प्रभावी और सुरक्षित बनाने के लिए मशीन टू मशीन सिम (एमटूएम) का इस्तेमाल किया जाएगा। इस बार की कवण यात्रा में भी पुलिस से इसका प्रयोग किया था। जिसके बाद बरेली और मेरठ के पुलिस सीधेतौर पर आपस में बात कर रहे थे। अब बॉडर एरिया पर अलग – अलग चैनल पर बात करने की बात करने की समस्या भी दूर हो जाएगी। वाराणसी और लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में इसका इस्तेमाल शुरू किया गया है।
एमटूएम सिम का होगा प्रयोग
(एमटूएम) सिम प्रयोग से करने पर अधिकारोयो को पुलिसकर्मी अब अपनी गलत लोकेशन नहीं बता पाएंगे। इससे उनकी लाइव लोकेशन का पता चलता रहेगा। मुश्किल सर्च ऑपरेशन में पुलिस कर्मचारी एक वॉइस कमांड से ही मोबाइल में अधिकारियों को पल – पल की जानकारी दे सकेंगे। बता दें कि बेस्ड इंटरनेट सेटेलाइट के जरिये मुहैया करवाया जाएगा। जल्द ही भारत में भी ये तकनीक देखने को मिलेगी। सेल टॉवर की इसके बाद से जरूरत नहीं रहेगी। इसके बाद हर जगह आसानी से सम्पर्क हो पाएगा जहा पर सेल्ल टॉवर नहीं हैं वह पर भी सर्म्पर्क मुमकिन होगा।