राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

Malegaon Blast Case: प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित समेत सभी 7 आरोपी बरी, अदालत ने गिनाईं ये 4 बड़ी वजहें

by | Jul 31, 2025 | क्राइम, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Malegaon Blast Case: साल 2008 के मालेगांव बम धमाके केस में आज एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने इस बहुचर्चित मामले में मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित समेत सभी 7 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि उनके सामने पेश किए गए तथ्यों और गवाहों के आधार पर किसी भी आरोपी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके।

इस मामले पर फैसला सुनाने वाले विशेष एनआईए जज एके लाहोटी ने अपने आदेश में चार मुख्य वजहों का ज़िक्र किया, जिनके आधार पर सभी आरोपियों को बरी किया गया।

1. बाइक का लिंक साबित नहीं हो सका

अदालत ने कहा कि प्रॉसिक्यूशन यह तो साबित कर सका कि मालेगांव में विस्फोट हुआ, लेकिन धमाके में इस्तेमाल की गई बाइक का सीधा संबंध प्रज्ञा ठाकुर से जोड़ने में नाकाम रहा। बाइक का सीरियल नंबर भी फॉरेंसिक रिपोर्ट में सही ढंग से नहीं पाया गया।

2. प्रज्ञा ठाकुर का किसी साजिश में शामिल होने का सबूत नहीं

कोर्ट ने माना कि प्रज्ञा सिंह ठाकुर सन्यास ले चुकी थीं और धमाके से दो साल पहले ही उन्होंने भौतिक वस्तुओं का त्याग कर दिया था। उनके किसी अन्य आरोपी के साथ साजिश रचने का भी कोई सबूत सामने नहीं आया। इसलिए उन्हें बरी कर दिया गया।

3. कर्नल पुरोहित पर आरडीएक्स या बम निर्माण का कोई आरोप नहीं साबित

लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ भी ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला, जिससे साबित हो कि उन्होंने बम बनाने के लिए आरडीएक्स की सप्लाई की हो या किसी आतंकी योजना में सीधे तौर पर शामिल रहे हों। उनके खिलाफ भी कोई आपराधिक साजिश सिद्ध नहीं हुई।

4. फंडिंग का स्रोत स्पष्ट नहीं

इस धमाके की फंडिंग कहां से हुई, यह भी जांच में स्पष्ट नहीं हो सका। एकमात्र लेनदेन जो कर्नल पुरोहित और आरोपी अजय राहीकर के बीच हुआ था, अदालत ने माना कि वह घर निर्माण के लिए था, न कि किसी आतंकी गतिविधि के लिए।

मालेगांव में दो बड़े धमाके हुए थे—पहला 2006 में और दूसरा 2008 में।

  • 2006 का धमाका: 8 सितंबर को शब-ए-बरात के दिन कब्रिस्तान और मस्जिद के पास हुआ। इसमें 37 से अधिक लोगों की जान गई और 100 से ज्यादा घायल हुए। इस केस में 9 मुस्लिम युवकों को पकड़ा गया था लेकिन 2019 में वे सभी भी सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए।
  • 2008 का धमाका: 29 सितंबर को एक बाइक में लगे बम से धमाका हुआ, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई और 100 से ज्यादा घायल हुए। इस केस में प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल पुरोहित, स्वामी असीमानंद और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ।

इस केस की जांच पहले महाराष्ट्र एटीएस ने की, फिर इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपा गया। लेकिन NIA भी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश करने में असफल रही। अदालत ने साफ किया कि सभी आरोपी संदेह का लाभ पाते हुए बरी किए जाते हैं।

ये भी पढ़ें : UP News: हापुड़ पुलिस में हड़कंप एक मामले में लापरवाही पर एसपी का एक्शन, इंस्पेक्टर और दरोगा को दिखाया लाइन का रास्ता

ये भी देखें : Amit Shah On Gaurav Gogoi: “पाकिस्तान तो कई बार जाते हो, कभी सीमा…”, गौरव गोगोई पर बोले अमित शाह

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर