Parliament Monsoon Session: 21 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र से पहले केंद्र सरकार ने 20 जुलाई को एक अहम सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस बैठक का उद्देश्य था सभी राजनीतिक दलों से सहयोग लेकर संसद की कार्यवाही को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संचालित करना, ताकि जरूरी विधायी कार्य बिना किसी रुकावट के पूरे किए जा सकें।
सरकार की अपील:
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू समेत कई वरिष्ठ मंत्री उपस्थित रहे। साथ ही एनडीए और विपक्ष के विभिन्न दलों के नेता भी इसमें शामिल हुए। सरकार ने कहा कि वह सत्र में सभी मुद्दों पर चर्चा को तैयार है, लेकिन साथ ही यह भी ज़रूरी है कि सदन की गरिमा बनी रहे और कार्यवाही में बाधा न आए।
मानसून सत्र में सरकार पेश करेगी विधेयक
इस बार मानसून सत्र में केंद्र सरकार अहम विधेयक संसद में लाने जा रही है। इनमें प्रमुख हैं:
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक
- भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष विधेयक
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक
इन विधेयकों के ज़रिए सरकार खेल व्यवस्था, खनिज नीति और सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण जैसे अहम क्षेत्रों में सुधार लाना चाहती है।
विपक्ष की रणनीति: मुद्दों के जरिए सरकार पर दबाव
दूसरी ओर, I.N.D.I.A. गठबंधन के 24 दलों ने 18 जुलाई को एक ऑनलाइन बैठक कर सत्र के लिए साझा रणनीति बनाई। इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सीपीआई (एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
विपक्ष के प्रमुख मुद्दे
विपक्ष ने संसद में सरकार को घेरने के लिए मुख्य मुद्दों को चिन्हित किया है:
- पहलगाम आतंकी हमला
- ऑपरेशन सिंदूर
- डोनाल्ड ट्रंप का सीजफायर पर बयान
- बिहार में SIR योजना
- विदेश नीति से जुड़े सवाल (पाकिस्तान, चीन, गाजा)
- सीमांकन (डिलिमिटेशन) का मुद्दा
- वंचित वर्गों पर हो रहे अत्याचार
- अहमदाबाद विमान हादसा
विपक्ष ने यह भी स्पष्ट किया है कि वे संसद की कार्यवाही को बाधित नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार को इन गंभीर मुद्दों पर जवाब देना होगा।
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