लखनऊ। पश्चिमी यूपी को अलग राज्य बनाए जाने की मांग को लेकर संजीव बालियान के अपने ही पार्टी के समर्थको ने चुप्पी साध ली है। आपको बता दें कि इस समय राज्य सभा सांसद और जिला के सांसद दोनों ने ही मौन धारण कर लिया है। ऐसे में क्या होगा जब उनकी अपनी ही पार्टी के समर्थकों ने ही कुछ भी कहने से इंकार कर दिया हैं। बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही वसपा के सांसद मलूक नागर के सर्थन के ततपश्चात ही पूर्व विधायक इमरान मसूद ने संजीव बालियान का साथ दिया था।
बालियान की मांग को बताया सियास दाव पेच
डॉ संजीव बालियान की रविवार को अंतर्राष्ट्रीय जाट सांसद में एक अलग पश्चिमी यूपी की मांग को लेकर सियासत गर्म हो गयी थी। बता दें कि संजीव बालियान की जाट आरक्षण की मांग के बाद से ही इस बयान को सियासी दाव पेच बताया जा रहा हैं।
राजनितिक विशेषज्ञों का कहना है कि संजीव बालियान के केंद्र में बीजेपी के बड़े नेता, जाट लीडर और राजयमंत्री शामिल हैं। उनका अलग राज्य की मांग करना लोकसभा चुनाव से पहले इसके पीछे उनका कोई मकसद होगा। बिजनौर के बसपा सांसद मलूक नागर ने भी संजीव बालियान की इस पश्चिमी यूपी की मांग का समर्थन किया हैं। लेकिन संजीव बालियान के लिए दुख की बात तो ये है कि उनकी अपनी ही पार्टी का उन्हें कोई समर्थन नहीं मिला हैं।
पार्टी की नीति से कोई संबंध नहीं – लक्ष्मीकांत, बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
राज्य सभा सदस्य लक्ष्मीकांत वाजपेयी और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इस मामले पर चुप है, बहुत बार पूछने के बाद उनका कहना है कि इस मामले का पार्टी की नीति से कोई संबंध नहीं हैं। उनका ये भी कहना हैं की व्यक्तिगत विचार प्रकट करने का सबको अधिकार होता हैं। मैं इस मामले पर ज्यादा नहीं कहूंगा। सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि इस मामले में मेरी कोई राय नहीं हैं। मैं इसके समर्थन में नहीं हूँ, मुझे आगे कुछ नहीं बोलना हैं