Saurabh Bhardwaj: आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने एक बार फिर अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को निशाने पर लिया है। उन्होंने दावा किया कि सोशल मीडिया पर इन दोनों से जुड़ी खबरें छाई हुई हैं और अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस तथा यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन ने नवंबर 2024 में एक भ्रष्टाचार से जुड़ा मुकदमा दर्ज किया था। भारद्वाज ने सवाल उठाया कि इस मुकदमे को शुरू हुए छह महीने से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन अब तक अडानी तक अमेरिका द्वारा जारी किया गया समन नहीं पहुंच सका है, जो हैरान करने वाली बात है।
सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला भारत सरकार के कुछ अधिकारियों को 2200 करोड़ रुपये (लगभग 256 मिलियन डॉलर) की रिश्वत देने से जुड़ा है, जो कथित रूप से अडानी समूह द्वारा लाभ कमाने के मकसद से की गई थी। उन्होंने बताया कि अडानी ग्रुप का उद्देश्य 750 मिलियन डॉलर जुटाकर उस राशि को पावर प्रोजेक्ट्स में लगाना था, जिससे अगले 20 वर्षों में लगभग 2 बिलियन डॉलर का मुनाफा कमाने का प्लान था। भारद्वाज ने कहा कि यदि कोई विदेशी कंपनी अमेरिका के करदाताओं का पैसा व्यापार में इस्तेमाल करती है, तो वह अमेरिका के फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेज एक्ट (FCPA) के अंतर्गत आती है।
उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि इन प्रोजेक्ट्स में अमेरिका के निवेशकों का पैसा भी लगा हुआ था, इसलिए अमेरिका की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने अडानी समूह को समन जारी किया और 21 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। भारद्वाज ने कहा कि समन में स्पष्ट रूप से यह उल्लेख किया गया है कि अडानी समूह ने रिश्वत की योजना बनाई थी, जिसमें कुछ राशि का भुगतान हो चुका था जबकि कुछ अभी बकाया है। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका की एजेंसियों ने इस भ्रष्टाचार को पकड़ लिया है, लेकिन भारत सरकार इस पूरे मामले में चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर भारत सरकार इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रही और इस विषय पर चुप क्यों है।