Swati Maliwal Case : सोमवार 27 मई को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। इस फैसले के बाद कुमार निचली अदालत के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील करने की योजना बना रहे हैं।
स्वाति मालीवाल ने विभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और 18 मई को कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। कुमार ने इन आरोपों का खंडन करते हुए मालीवाल पर उन्हें झूठा फंसाने का आरोप लगाया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
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24 मई को न्यायिक हिरासत में भेजा
सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और कहा था कि वह शाम 4 बजे फैसला सुनाएगी। कुमार को 24 मई को चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया और वह 28 मई तक हिरासत में रहेंगे।
मालीवाल (Swati Maliwal) ने कुमार पर मारपीट का आरोप लगाया है, जबकि कुमार ने आरोप लगाया है कि मालीवाल बिना अनुमति के जबरन मुख्यमंत्री आवास में घुस गईं। कुमार के अनुसार, मालीवाल ने कर्मचारियों की चेतावनी को नज़रअंदाज़ किया और जब उन्होंने उसे रोकने की कोशिश की तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) ने मालीवाल के आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि वह भाजपा के प्रभाव में काम कर रही थीं। आप ने पूरी घटना को भाजपा द्वारा रची गई साजिश करार दिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। पीटीआई को दिए गए हालिया साक्षात्कार में केजरीवाल ने कहा कि मामले में दो विरोधी पक्ष शामिल हैं और इसकी गहन जांच होनी चाहिए।