राजनीति

अपना यूपी

क्राइम

बड़ी खबर

स्पोर्ट्स

वेब स्टोरीज

खबर

Weather Update : इस बार की गर्मी ने निकाला पूरी दुनिया का पसीना,174 साल का रिकॉर्ड तोड़ा, जानिए कितना है तापमान

by | May 8, 2024 | देश, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

Weather Update : दिन पर दिन गर्मी बढ़ती जा रही है। इस भीषण गर्मी से लोगों का बुरा हाल हो रहा है, अभी तो बस गर्मी की शुरुआत हुई। इस भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं नजर आ रही है। मिले आकड़ों के अनुसार इस बार की गर्मी ने न केवल भारत को प्रभावित किया, बल्कि पूरी दुनिया की में पसीना टपकने छुड़ा दिए। यूरोपीय संघ की जलवायु एजेंसी, कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (C3S) ने कहा कि यह लगातार 11वां महीना था, जब तापमान रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, जो कमजोर होते ला नीना और जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभावों का नतीजा है।

अप्रैल में औसत तापमान 15.03 डिग्री सेल्सियस रहा, जो 1850-1900 के औसत से 1.58 डिग्री सेल्सियस अधिक था। यह 1991-2020 के अप्रैल के औसत से 0.67 डिग्री सेल्सियस अधिक था। C3S के निदेशक कार्लो बुओंटेम्पो ने कहा कि साल की शुरुआत ला नीना के चरम के साथ हुई। हालांकि, ला नीना जैसे प्राकृतिक चक्रों से जुड़े तापमान में उतार-चढ़ाव जारी है।

ये भी देखें :

Muzaffarnagar Tension Between Community : एक ही समुदाय के दो पक्ष आपस में लड़े

जलवायु एजेंसी ने बताया कि पिछले 12 महीनों (मई 2023-अप्रैल 2024) में वैश्विक औसत तापमान अब तक का सबसे अधिक दर्ज किया गया है, जो 1991-2020 के औसत से 0.73 डिग्री सेल्सियस और 1850-1900 के औसत से 1.61 डिग्री सेल्सियस अधिक है। C3S के अनुसार, जनवरी में पहली बार वैश्विक औसत तापमान पूरे वर्ष के लिए 1.5 डिग्री सेल्सियस की सीमा को पार कर गया।

जलवायु वैज्ञानिकों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के सबसे बुरे प्रभावों से बचने के लिए देशों को वैश्विक औसत तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने की आवश्यकता है। वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन के तेजी से संचय के कारण पृथ्वी की वैश्विक सतह का तापमान पहले ही बेसलाइन (1850-1900) की तुलना में लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। 2023 में, वैश्विक स्तर पर, यह 174 साल के रिकॉर्ड में सबसे गर्म वर्ष था। वैश्विक औसत तापमान बेसलाइन से 1.45 डिग्री सेल्सियस अधिक था।

ये भी पढ़ें : Akash Anand News : मायावती ने आकाश आनंद को पद से किया बर्खास्त, जानिए क्यों छिना राजनीतिक उत्तराधिकार

एशिया में भीषण गर्मी ने फिलीपींस में अस्थायी रूप से स्कूल बंद कर दिए हैं। इंडोनेशिया, मलेशिया और म्यांमार के अलावा भारत ने भी तापमान के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस महीने, संयुक्त अरब अमीरात में 75 साल में सबसे भारी बारिश हुई। C3S के वैज्ञानिकों ने यह भी नोट किया कि अप्रैल लगातार 13वां महीना था जब समुद्र की सतह का तापमान रिकॉर्ड स्तर पर रहा।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) और अन्य वैश्विक मौसम एजेंसियों को उम्मीद है कि अगस्त-सितंबर तक ला नीना की स्थिति बनी रहेगी। इस बीच ला नीना की स्थिति भारत में कमजोर मानसूनी हवाओं और शुष्क परिस्थितियों से जुड़ी है। ला नीना आमतौर पर हर दो से सात साल में होता है और औसतन 9 से 12 महीने तक रहता है।

अपना यूपी

क्राइम

आपका जिला

वीडियो

ट्रेंडिंग

बड़ी खबर