U.P News: बिहार के बेगूसराय जिले का कुख्यात अपराधी डब्ल्यू यादव, जो हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के स्थानीय नेता राकेश कुमार उर्फ विकास की अपहरण के बाद हत्या के मामले में वांछित था, उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया।राकेश कुमार को 24 मई 2025 को उनके गांव संडलपुर से अगवा किया गया था। कुछ दिनों बाद उनका शव मुंगेर जिले के गंगा किनारे रेत में दबा मिला। इस मामले ने पूरे बिहार में राजनीतिक हलचल मचा दी थी। रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई इस हत्या का कारण मानी जा रही है।
बिहार पुलिस की संयुक्त कार्रवाई
डब्ल्यू यादव की गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस ने उत्तर प्रदेश एसटीएफ के साथ मिलकर एक संयुक्त अभियान चलाया। गुप्त सूचना के आधार पर 27-28 जुलाई की रात करीब 2:30 बजे हापुड़ जिले के सिम्भावली थाना क्षेत्र में पुलिस ने उसे घेरा। जब आत्मसमर्पण करने को कहा गया, तो उसने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह घायल हो गया और अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए। मौके से हथियार, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद हुई।
15 सालों से बना हुआ था खौफ
डब्ल्यू यादव पिछले डेढ़ दशक से अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसके खिलाफ 24 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें हत्या, अपहरण, फिरौती, अवैध हथियार और गवाहों को धमकाने जैसे अपराध शामिल थे। इनमें से 22 मामले अकेले साहेबपुर कमाल थाना में दर्ज थे। उसका नेटवर्क बेगूसराय और आस-पास के जिलों में फैला हुआ था।
राजनीतिक संरक्षण और दबदबा
डब्ल्यू यादव की पत्नी सीता देवी गांव की सरपंच थी, लेकिन फिर भी लोग विवादों के समाधान के लिए राकेश कुमार को प्राथमिकता देते थे। इसी वजह से दोनों के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ था। पुलिस के अनुसार, यादव का गिरोह अवैध हथियारों की सप्लाई, राजनीतिक दबाव और गवाहों को डराने जैसे कामों में लिप्त था।
पुलिस अधिकारियों ने इस मुठभेड़ को बड़ी सफलता बताया है। हापुड़ थाना प्रभारी सुमित कुमार ने कहा कि यह ऑपरेशन कानून-व्यवस्था के लिए बड़ी उपलब्धि है। डब्ल्यू यादव की मौत के बाद क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बहाल होने की उम्मीद जताई जा रही है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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