IVF Scam: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित एक फर्टिलिटी क्लिनिक ‘यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर’ को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें कथित रूप से ग़रीब परिवारों से नवजात बच्चों को खरीदकर उन्हें अमीर दंपतियों को सरोगेसी प्रक्रिया के तहत सौंपा जा रहा था। जांच में सामने आया कि एक बच्चे को मात्र ₹90,000 में खरीदा गया और उसे ₹35 लाख में बेचा गया।
IVF की आड़ में मासूमों की सौदेबाज़ी
यह पूरा मामला तब उजागर हुआ जब एक दंपति ने बच्चे का डीएनए परीक्षण कराया और पता चला कि नवजात का उनसे कोई जैविक संबंध नहीं है। इसके बाद इस पूरे सरोगेसी रैकेट की परतें खुलती चली गईं।
पुलिस ने दो डॉक्टरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज़ों, झूठे इलाज के नाम पर लोगों को गुमराह किया और वर्षों से यह अवैध गतिविधि संचालित कर रहे थे।
DNA रिपोर्ट ने खोले राज, जांच का दायरा बढ़ा
राजस्थान के एक दंपति की ओर से कराया गया डीएनए टेस्ट इस घोटाले की पहली बड़ी कड़ी बना। स्थानीय पुलिस ने गोपालपुरम थाने में केस दर्ज कर त्वरित कार्रवाई करते हुए क्लिनिक पर छापा मारा और कई दस्तावेज़ जब्त किए।
जांच में सामने आया कि क्लिनिक की मान्यता 2021 में समाप्त हो चुकी थी, लेकिन फिर भी Dr. नम्रता नाम की डॉक्टर दूसरे नाम पर इसे अवैध रूप से चला रही थीं। शिकायत करने पर मरीजों को धमकाने की भी घटनाएँ सामने आईं, जिनमें डॉक्टर के बेटे की संलिप्तता पाई गई।
यह खुलासा यहीं तक सीमित नहीं रहा। जांच में यह भी पाया गया कि यह रैकेट केवल हैदराबाद में नहीं, बल्कि गुजरात, मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में भी फैला हुआ था। इस रैकेट में Indian Sperm Tech नामक एक अपंजीकृत एजेंसी की भूमिका भी उजागर हुई है।
पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई मानव तस्करी और महिला-शिशु शोषण के खिलाफ एक बड़ा कदम है। अब देशभर में IVF और सरोगेसी से जुड़ी सेवाओं की निगरानी को लेकर सख्त नीतियाँ बनाने की मांग उठ रही है।
हमारी इंटर्न सुनिधि सिंह द्वारा लिखित
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