International Yoga Day: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शिवसेना (एनडीए गठबंधन) के राष्ट्रीय समन्वयक एवं चुनाव प्रभारी डॉ. अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में नई दिल्ली स्थित उनके निजी आवास पर एक भव्य योग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 110 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय भागीदारी की, जिनमें योग साधक, सामाजिक कार्यकर्ता और कई विशिष्ट अतिथि शामिल थे।
वर्मा परिवार ने किया योग, प्राणायाम और ध्यान
डॉ. अभिषेक वर्मा के साथ उनकी पत्नी श्रीमती अंका वर्मा, पुत्री राजकुमारी निकोल वर्मा और पुत्र युवराज आदितेश्वर वर्मा ने पारंपरिक सनातनी विधि से योग, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया। कार्यक्रम में मौजूद प्रतिष्ठित योगाचार्यों ने उपस्थितजनों को योग के शारीरिक और मानसिक लाभों की विस्तृत जानकारी दी और इसे नियमित जीवन में शामिल करने का संदेश दिया।
“योग जीवनशैली बने, यही आज का संकल्प” – डॉ. अभिषेक वर्मा
अपने प्रेरणादायी संबोधन में डॉ. वर्मा ने कहा, “योग भारत की सनातन परंपरा की वैज्ञानिक देन है, जिसे हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। आज शिवसेना (NDA) के लोकप्रिय नेता श्री एकनाथ शिंदे जी के नेतृत्व में पार्टी योग को जन-जन तक पहुँचाने और इसे जनआंदोलन बनाने का कार्य कर रही है।”
उन्होंने देशवासियों से आह्वान करते हुए कहा कि “ (International Yoga Day) योग केवल एक दिन की क्रिया नहीं है, बल्कि इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाना आज के युग की आवश्यकता है। शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन के लिए योग एक शक्तिशाली माध्यम है।”

अंका वर्मा और निकोल वर्मा ने भी साझा किए अनुभव
श्रीमती अंका वर्मा ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “योग ने मुझे मातृत्व, व्यवसाय और अध्यात्म में संतुलन बनाना सिखाया है। यह मेरे जीवन का आंतरिक मार्गदर्शक बन गया है।”
वहीं, राजकुमारी निकोल वर्मा ने कहा “तेज़ और तनावपूर्ण जीवनशैली में योग मानसिक शांति और स्थिरता देता है यह मेरा आत्मबल है और मुझे आत्मविश्वास से भर देता है।”
वैदिक मंत्रों और प्रतिज्ञा के साथ हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन वैदिक मंत्रोच्चार, प्रसाद वितरण, और योग को जीवन में अपनाने की प्रतिज्ञा के साथ किया गया। यह आयोजन एक साथ राष्ट्रभक्ति, आध्यात्मिक चेतना, और सामाजिक जागरूकता का जीवंत उदाहरण बना।
योग दिवस का यह आयोजन केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक संकल्प और आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक बन गया, जिसमें हर आयु वर्ग के लोगों ने मिलकर भाग लिया और स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में एक सार्थक कदम उठाया।
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