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11 April Ka Panchang : पंचांग से जानिए चन्द्र मास, सम्वत एवं बृहस्पति संवत्सर और शुभ समय

by | Apr 11, 2025 | ट्रेंडिंग, बड़ी खबर, मुख्य खबरें

11 April Ka Panchang : हिंदु समाज में पंचांग का बहुत महत्व है। किसी भी शुभ कार्य करने से पहले पंचांग देखा जाता है। पंचांग मुख्य रूप से पांच प्रमुख तत्वों या “अंगों” से बना होता है, जो समय और खगोलीय घटनाओं के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करते हैं।

तिथि (चंद्र दिवस): किसी दिए गए दिन चंद्रमा का विशिष्ट चरण।
नक्षत्र (तारा नक्षत्र): 27 नक्षत्रों में से किसी एक में चंद्रमा की स्थिति।
वर (सप्ताह का दिन): सप्ताह का दिन, जो रविवार (रविवार) से शुरू होता है।
योग (चंद्र-सौर काल): सूर्य और चंद्रमा की स्थिति का एक विशेष संयोजन, जो दैनिक गतिविधियों को प्रभावित करता है।
करण (तिथि का आधा भाग): तिथि का दो भागों में विभाजन, जिसका उपयोग अधिक सटीक समय गणना के लिए किया जाता है।

  • सूर्योदय                 06:00 ए एम   
  • सूर्यास्त                 06:44 पी एम
  • चन्द्रोदय      05:25 पी एम 
  • चन्द्रास्त      05:26 ए एम, अप्रैल 12
  • तिथि  चतुर्दशी – 03:21 ए एम, अप्रैल 12 तक             
  • नक्षत्र  उत्तराफाल्गुनी – 03:10 पी एम तक
  • पूर्णिमा                  हस्त
  • योग   ध्रुव – 07:46 पी एम तक          
  • करण  गर – 02:09 पी एम तक
  • व्याघात                 वणिज – 03:21 ए एम, अप्रैल 12 तक
  • वार    शुक्रवार                  विष्टि
  • पक्ष   शुक्ल पक्ष                            
  • विक्रम सम्वत  2082 कालयुक्त              
  • बृहस्पति संवत्सर     कालयुक्त – 03:07 पी एम, अप्रैल 25, 2025 तक
  • शक सम्वत   1947 विश्वावसु                               सिद्धार्थी
  • गुजराती सम्वत 2081 नल         
  • चन्द्रमास     चैत्र – पूर्णिमान्त
  • प्रविष्टे/गते    29                          चैत्र – अमान्त
  • चन्द्र राशि    कन्या     नक्षत्र पद     उत्तराफाल्गुनी – 08:27 ए एम तक
  • सूर्य राशि     मीन                        उत्तराफाल्गुनी – 03:10 पी एम तक
  • सूर्य नक्षत्र     रेवती                      हस्त – 09:54 पी एम तक
  • सूर्य नक्षत्र पद रेवती                      हस्त – 04:38 ए एम, अप्रैल 12 तक
  • हस्त
  • द्रिक ऋतु     वसन्त   दिनमान      12 घण्टे 44 मिनट्स 37 सेकण्ड्स
  • वैदिक ऋतु    वसन्त   रात्रिमान      11 घण्टे 14 मिनट्स 17 सेकण्ड्स
  • द्रिक अयन    उत्तरायण      मध्याह्न      12:22 पी एम
  • वैदिक अयन   उत्तरायण            
  • ब्रह्म मुहूर्त    04:29 ए एम से 05:14 ए एम    
  • प्रातः सन्ध्या  04:52 ए एम से 06:00 ए एम
  • अभिजित मुहूर्त 11:56 ए एम से 12:47 पी एम
  • विजय मुहूर्त   02:29 पी एम से 03:20 पी एम
  • गोधूलि मुहूर्त  06:43 पी एम से 07:06 पी एम   
  • सायाह्न सन्ध्या      06:44 पी एम से 07:52 पी एम
  • अमृत काल    07:08 ए एम से 08:55 ए एम    
  • निशिता मुहूर्त  11:59 पी एम से 12:44 ए एम, अप्रैल 12
  • रवि योग     06:00 ए एम से 03:10 पी एम           
  • राहुकाल 10:46 ए एम से 12:22 पी एम            
  • यमगण्ड      03:33 पी एम से 05:09 पी एम
  • आडल योग    03:10 पी एम से 05:58 ए एम, अप्रैल 12  
  • विडाल योग   06:00 ए एम से 03:10 पी एम
  • गुलिक काल   07:35 ए एम से 09:11 ए एम    
  • दुर्मुहूर्त 08:32 ए एम से 09:23 ए एम
  • वर्ज्य   12:36 ए एम, अप्रैल 12 से 02:24 ए एम, अप्रैल 12       12:47 पी एम से 01:38 पी एम
  • बाण   मृत्यु – 02:31 ए एम, अप्रैल 12 से पूर्ण रात्रि तक        
  • भद्रा   03:21 ए एम, अप्रैल 12 से 05:58 ए एम, अप्रैल 12
  • आनन्दादि योग शुभ – 03:10 पी एम तक         
  • तमिल योग   सिद्ध – 03:10 पी एम तक
  • अमृत                     अमृत
  • जीवनम पूर्ण जीवन𝟣        नेत्रम  दो नेत्र𝟤
  • होमाहुति      चन्द्र      
  • दिशा शूल     पश्चिम
  • अग्निवास     आकाश – 03:21 ए एम, अप्रैल 12 तक              
  • नक्षत्र शूल    उत्तर – 03:10 पी एम तक
  • पाताल   चन्द्र वास     दक्षिण
  • भद्रावास      पाताल – 03:21 ए एम, अप्रैल 12 से पूर्ण रात्रि तक    
  • राहु वास      दक्षिण-पूर्व
  • शिववास      भोजन में – 03:21 ए एम, अप्रैल 12 तक         
  • कुम्भ चक्र    पश्चिम – 03:10 पी एम तक
  • श्मशान में                           उत्तर

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