Baba Chaitanyananda Saraswati: दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में स्थित एक आश्रम के बाबा स्वामी चैत्यानंद सरस्वती पर छात्राओं के यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं। अब पटियाला हाउस कोर्ट ने बाबा को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है, जहां दिल्ली पुलिस उनसे पूछताछ करेगी।
क्या है पूरा मामला?
चैत्यानंद सरस्वती पर आरोप है कि उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) की उन छात्राओं का शोषण किया जो छात्रवृत्ति के ज़रिए पोस्ट-ग्रेजुएट मैनेजमेंट डिप्लोमा कोर्स कर रही थीं।
कैसे हुआ खुलासा?
इस पूरे मामले की शुरुआत 4 अगस्त को हुई, जब भारतीय वायु सेना मुख्यालय से दिल्ली पुलिस को एक शिकायत मिली। शिकायत में आरोप था कि बाबा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ कर रहा है। शिकायत मिलते ही बाबा फरार हो गया, लेकिन आखिरकार पुलिस ने उसे पकड़ लिया।
छात्राओं को देता था धमकी
जांच में सामने आया है कि बाबा रात के समय छात्राओं को अपने कमरे में बुलाता था। अगर कोई मना करती, तो उसे धमकाता कि उसकी ग्रेड कम कर देगा या फेल कर देगा। कई छात्राओं ने डर के कारण चुप्पी साध ली, लेकिन कुछ ने हिम्मत दिखाई और शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने उस संस्थान की तीन महिला वार्डनों के बयान भी दर्ज किए हैं। इन पर आरोप है कि इन्होंने बाबा की मदद की, उसके आपत्तिजनक मैसेज डिलीट किए और छात्राओं की आवाज़ दबाने की कोशिश की।
मोबाइल चैट और वीडियो से मिले पक्के सबूत
पुलिस को लगभग 50 छात्राओं के मोबाइल फोन से वॉट्सऐप चैट और अन्य डिजिटल सबूत मिले हैं, जिनसे पता चला है कि बाबा पिछले 16 सालों से यौन शोषण कर रहा था। इसमें आपत्तिजनक मैसेज, बिना सहमति के शारीरिक संपर्क, और धमकियों की जानकारी सामने आई है।
इसके अलावा, सीसीटीवी फुटेज डिलीट करने की भी कोशिश की गई थी। DVR को अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
पहले भी लगे थे आरोप
यह पहली बार नहीं है जब चैत्यानंद पर ऐसे आरोप लगे हैं। 2009 और 2016 में भी उस पर छेड़छाड़ के मामले सामने आए थे, लेकिन तब वह किसी तरह बच निकलता रहा।
इस बार मामला तब तूल पकड़ा जब 17 छात्राओं ने एक साथ अगस्त में डिफेंस कॉलोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई। उस वक्त बाबा लंदन में था, लेकिन बाद में उसकी आखिरी लोकेशन आगरा में पाई गई। उसने दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम ज़मानत की याचिका डाली थी, लेकिन बाद में वापस ले ली।
कार से मिला फर्जी यूएन लोगो
जांच के दौरान पुलिस को बाबा की लाल वॉल्वो कार से फर्जी नंबर प्लेट्स मिलीं, जिन पर संयुक्त राष्ट्र (UN) का लोगो लगा था। जांच में पता चला कि ये प्लेट्स यूएन की असली नहीं थीं, बल्कि बाबा ने खुद बनवाई थीं ताकि खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर का व्यक्ति साबित कर सके। पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है।
फिलहाल क्या स्थिति है?
बाबा पुलिस कस्टडी में है, उससे पूछताछ की जा रही है। संस्थान की वार्डनों और अन्य स्टाफ से भी पूछताछ चल रही है। डिजिटल सबूत और चैट्स की फॉरेंसिक जांच जारी है।
यह मामला केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है। जहां धर्म और शिक्षा की आड़ में लड़कियों के साथ वर्षों तक अत्याचार होता रहा और किसी ने आवाज नहीं उठाई। अब जब कुछ बहादुर छात्राएं सामने आईं हैं, उम्मीद है कि न्याय जरूर मिलेगा।
ये भी पढ़ें: Lucknow News: लखनऊ में चौंकाने वाली वारदात IPS अधिकारी के घर चोरी, चोरों ने टोटियां तक चुरा लीं
ये भी देखें: आरक्षण बनाम योग्यता, एक जरूरी सोच #cast #equality