Gopal Khemka Murder Case: राजधानी पटना में क्राइम कंट्रोल के नाम पर हाल ही में किया गया पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल अब सवालों के घेरे में है। महज तीन हफ्ते पहले, 14 जून को पटना एसएसपी अवकाश कुमार का तबादला कर दिया गया था और पूर्णिया के एसपी कार्तिकेय शर्मा को पटना की कमान सौंपी गई थी। इस बदलाव को क्राइम कंट्रोल के लिहाज से जरूरी बताया गया था। लेकिन अब चार जुलाई की रात शहर के बीचों-बीच एक बड़ी आपराधिक वारदात ने प्रशासन की पोल खोल दी है।
गांधी मैदान थाने से कुछ ही दूरी पर मर्डर
गांधी मैदान थाने से महज 250 मीटर की दूरी पर मगध हॉस्पिटल के मालिक और बिहार के बड़े उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावर वारदात को अंजाम देकर आराम से फरार हो गए और पुलिस बेबस नजर आई। यह इलाका पटना का बेहद पॉश और सुरक्षित माना जाता है, जहां कई उच्च अधिकारियों के घर भी स्थित हैं। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
पुलिस की लापरवाही पर परिजनों का फूटा गुस्सा
घटना के बाद मृतक के परिजनों ने जबरदस्त हंगामा किया और पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए। गोपाल खेमका के छोटे भाई संतोष खेमका ने बताया कि हत्या के करीब डेढ़ घंटे बाद तक पुलिस घटनास्थल पर नहीं पहुंची। उन्होंने यह भी कहा कि रात करीब 11:30 बजे हुई इस वारदात के बाद सुबह 7 बजे तक पटना एसएसपी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे और उनका मोबाइल भी बंद था। सिटी एसपी (मध्य) भी घटना के दो घंटे बाद ही मौके पर पहुंचीं।
‘बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है’ – परिजन
परिजनों ने गुस्से में कहा कि बिहार में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है। अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि वे अब सीधे घरों में घुसकर हत्याएं कर रहे हैं। घटनास्थल से कई खोखे बरामद हुए, जिन्हें पुलिस ने ईंट और बांस-बल्लों से घेरने की कोशिश की। परिजनों ने सरकार और पुलिस पर गहरी नाराजगी जताई।
सांसद पप्पू यादव ने पुलिस पर उठाए सवाल
घटनास्थल पर पहुंचे जन अधिकार पार्टी के सांसद पप्पू यादव ने भी बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने पूछा, “आखिर यह परिवार कब तक बलि देता रहेगा?” उन्होंने याद दिलाया कि 20 दिसंबर 2018 को हाजीपुर इंडस्ट्रियल एरिया में गोपाल खेमका के बेटे की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने पूछा, “यह राज्य की कानून व्यवस्था की कैसी तस्वीर है, जहां उद्योगपतियों को सरेआम मारा जा रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है?”
डीजीपी ने लिया संज्ञान
इस सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने संज्ञान लिया है और एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। डीजीपी ने कहा कि एसआईटी की अगुवाई सिटी सेंट्रल एसपी करेंगे और जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
क्या पुलिस बदलाव से कुछ बदला?
पटना में हालिया पुलिस बदलाव को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह वाकई क्राइम कंट्रोल के लिए था या सिर्फ दिखावा? महज कुछ ही दिनों में शहर के बीचों-बीच एक उद्योगपति की हत्या होना इस बात का संकेत है कि बदलाव के बावजूद अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और आम जनता का भरोसा टूटता जा रहा है।
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