Delhi Saket Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने साकेत कोर्ट में तैनात जिला जज संजीव कुमार सिंह को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। ये फैसला हाई कोर्ट की सभी जजों की एक फुल कोर्ट मीटिंग में लिया गया, जहां उनके आचरण को लेकर गंभीर शिकायतें सामने आईं।
हाई कोर्ट की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, जज संजीव कुमार सिंह अब किसी भी तरह की अदालती कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेंगे और उन्हें सिर्फ मुख्यालय में ही रहना होगा। इसके अलावा, उन्हें बिना अनुमति के दिल्ली छोड़ने की इजाजत भी नहीं दी गई है। सस्पेंशन के दौरान उन्हें सिर्फ सब्सिस्टेंस अलाउंस (न्यूनतम भत्ता) ही मिलेगा।
क्या हैं आरोप?
सूत्रों के मुताबिक, उन पर कई तरह के कदाचार (misconduct) के आरोप हैं:
- कुछ वित्तीय लेन-देन में गड़बड़ी की बातें सामने आई हैं।
- एक केस में वकील पर दबाव डालने की कोशिश भी की गई।
- सबसे गंभीर आरोप ये है कि एक यौन शोषण के केस में जज ने पीड़िता पर ‘समझौता’ करने का दबाव बनाया।
ये मामला उस वक्त सामने आया जब दिल्ली हाई कोर्ट में एक अपील की सुनवाई चल रही थी। उसी दौरान पता चला कि पीड़िता पर समझौते के लिए दबाव डाला गया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले की जांच विजिलेंस रजिस्ट्रार को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद हाई कोर्ट ने फुल कोर्ट मीटिंग बुलाकर ये सख्त फैसला लिया।
किस नियम के तहत हुआ सस्पेंशन?
जज संजीव कुमार सिंह को अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 और दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा नियम, 1970 के तहत निलंबित किया गया है। ये दोनों नियम ऐसे मामलों में कार्रवाई की कानूनी प्रक्रिया तय करते हैं।
कौन हैं संजीव कुमार सिंह?
सस्पेंशन से पहले संजीव कुमार सिंह साकेत कोर्ट में जिला जज के पद पर कार्यरत थे। वे कमर्शियल मामलों (व्यापारिक विवादों) की सुनवाई कर रहे थे और कोर्ट के रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स कमेटी के चेयरमैन भी थे।
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