Badaun News : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जिसने भ्रष्टाचार का एक नया चेहरा उजागर किया है। जिले के दातागंज तहसील में एक लेखपाल ने जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए आवेदक से रिश्वत के रूप में बीयर की मांग की। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही प्रशासन हरकत में आ गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए लेखपाल को तत्काल निलंबित कर दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
जाति प्रमाण पत्र के बदले बीयर की मांग
यह मामला बदायूं के दातागंज तहसील का है। सौरभ सिंह, जो कि रेलवे का फॉर्म भरने के लिए जाति प्रमाण पत्र बनवाने के इच्छुक थे, कई दिनों से लेखपाल यादवेंद्र सुमन के चक्कर लगा रहे थे। हर बार लेखपाल उन्हें बहाने बनाकर टालते रहे। जब सौरभ ने लेखपाल से देरी का कारण पूछा, तो लेखपाल ने रिपोर्ट लगाने के बदले चार बीयर की मांग कर डाली।
पैसे उधार लेकर लानी पड़ी बीयर
आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद सौरभ ने किसी तरह पैसे का इंतजाम किया और 26 अक्तूबर को लेखपाल के लिए चार बीयर की कैन लेकर पहुंचे। बीयर मिलते ही लेखपाल ने जाति प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगा दी। इस पूरी घटना का एक वीडियो भी सौरभ ने बना लिया, जिसमें वह लेखपाल के सामने बीयर की कैन रख रहे हैं। (Badaun) वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद तहसील प्रशासन हरकत में आ गया।
वायरल वीडियो के बाद प्रमाण पत्र निरस्त
इस वीडियो के वायरल होने के बाद लेखपाल ने बचाव की कोशिश में जाति प्रमाण पत्र को पोर्टल पर निरस्त कर दिया, जिससे सौरभ रेलवे में आवेदन नहीं कर सके। सौरभ ने बताया कि उन्होंने कई बार लेखपाल से संपर्क किया, लेकिन रिश्वत के बिना उनका काम नहीं हुआ। 27 अक्तूबर को रेलवे में आवेदन की अंतिम तिथि होने के कारण वह निराश होकर घर लौट गए।
प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई
इस घटना पर दातागंज के एसडीएम धर्मेंद्र कुमार सिंह ने कहा, “27 अक्तूबर को वायरल हो रहे वीडियो में लेखपाल यादवेंद्र सुमन द्वारा छात्र से जाति प्रमाण पत्र पर रिपोर्ट लगाने के बदले चार बीयर की कैन की मांग की गई। प्रथम दृष्टया लेखपाल दोषी पाए गए हैं, इसलिए उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया गया है। (Badaun) मामले की जांच नायब तहसीलदार आनंद भूषण को सौंपी गई है।”
भ्रष्टाचार का एक नया रूप
यह घटना प्रशासनिक भ्रष्टाचार का एक अनोखा उदाहरण है, जिसमें पैसे के बजाय शराब को रिश्वत के रूप में मांगा गया। इस घटना ने समाज में भ्रष्टाचार के नए आयाम को उजागर किया है और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। इस तरह की घटनाओं से लोगों में सरकारी तंत्र पर विश्वास घटता जा रहा है। उम्मीद है कि जांच में दोषी लेखपाल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।