Bahraich Guard of Honour Controversy: उत्तर प्रदेश के बहराइच पुलिस लाइन से जुड़ा एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी को पुलिस परेड ग्राउंड में गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी दी जाती दिखाई दे रही है। इसी को लेकर अब राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से लेकर आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद तक ने इस मामले पर सवाल खड़े किए हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला पुलिस मुख्यालय तक पहुंच गया है और अब बहराइच के एसपी से जवाब मांगा गया है। आमतौर पर गार्ड ऑफ ऑनर और सलामी संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों या खास सरकारी मौकों पर ही दी जाती है, ऐसे में एक कथावाचक को यह सम्मान देने पर नियमों के उल्लंघन की चर्चा शुरू हो गई है।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना नवंबर महीने की बताई जा रही है। बहराइच पुलिस लाइन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथावाचक पुंडरीक गोस्वामी के पहुंचने पर एसपी राम नयन सिंह ने उन्हें सलामी दी। इसके साथ ही पुलिस बल ने परेड कर उन्हें सम्मान दिया। कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर सामने आए, वैसे ही इसके औचित्य और वैधता पर सवाल उठने लगे।
डीजीपी ने लिया संज्ञान, एसपी से मांगा स्पष्टीकरण
मामला तूल पकड़ने के बाद डीजीपी राजीव कृष्ण ने इस पर संज्ञान लिया है। डीजीपी ने पुलिस परेड ग्राउंड के इस्तेमाल और सलामी दिए जाने की प्रक्रिया पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही बहराइच के पुलिस अधीक्षक राम नयन सिंह से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
यूपी पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बयान जारी करते हुए कहा कि बहराइच में एक कार्यक्रम के दौरान पुलिस परेड ग्राउंड का अनधिकृत इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने साफ किया कि परेड ग्राउंड का उपयोग सिर्फ पुलिस प्रशिक्षण, अनुशासन और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए ही किया जा सकता है। नियमों के उल्लंघन को देखते हुए एसपी से जवाब मांगा गया है।
अखिलेश यादव का हमला
इस पूरे मामले पर अखिलेश यादव ने सरकार और पुलिस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने X पर लिखा कि जब पूरा पुलिस महकमा सलामी देने में लगा रहेगा, तो अपराधी बेखौफ घूमते रहेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में पुलिस अपने असली काम से भटक रही है और अपराध व माफिया पर लगाम लगाने के बजाय ऐसे आयोजनों में व्यस्त है। अखिलेश ने सवाल उठाया कि इस घटना का संज्ञान लेने वाला कोई है भी या नहीं।
पुलिस ने दी सफाई
वहीं, इस मामले में बहराइच पुलिस की तरफ से भी सफाई सामने आई है। पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल से जारी बयान में कहा गया कि प्रशिक्षण के दौरान पुलिसकर्मियों को कठिन मानसिक और शारीरिक परिश्रम करना पड़ता है, जिससे उनमें मानसिक तनाव बढ़ रहा है। इसी वजह से जिले में अलग-अलग कारणों से 28 पुलिसकर्मी सेवा से इस्तीफा दे चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक, कर्मियों का मनोबल बनाए रखने और मानसिक अवसाद से बचाने के लिए योग, ध्यान और काउंसलिंग जैसे कार्यक्रम कराए जा रहे हैं। इसी कड़ी में पुलिस लाइन में यह कथा कार्यक्रम आयोजित किया गया, ताकि प्रशिक्षुओं को प्रेरणा मिल सके और उनका मानसिक संतुलन बना रहे।
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