Bahraich Violence : उत्तर प्रदेश के बहराइच में धधकती हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। आपको बता दें कि अब इस बवाल को लेकर राजनितिक बयानबाजी शुरू हो गई है, बहराइच को लेकर सरकार पर आरोप लगाए जा रहे है। दंगो के बाद बहराइच के महसी और आसपास के इलाकों में तनाव बना हुआ है। व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) सहित भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। हालांकि, कल रात फिर से हिंसा भड़क उठी, जिसमें कई दुकानों और घरों को निशाना बनाया गया।
सोमवार को बहराइच में स्थिति कर्फ्यू जैसी थी, दिन भर अशांति जारी रही। हिंसा के जवाब में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की नेता मायावती ने राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता जताई।
मायावती ने जताई चिंता
मायावती ने बहराइच में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करना और शांति बनाए रखना है। उनके अनुसार, अगर सरकार ने इस कर्तव्य को प्रभावी ढंग से निभाया होता, तो बहराइच में हुई घटना को टाला जा सकता था। उन्होंने जिले में कानून व्यवस्था की भयावह स्थिति को उजागर करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स का सहारा लिया और जोर देकर कहा कि शासन और प्रशासन को पक्षपात करने के बजाय कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए।
बहराइच में तनाव जारी
यह अशांति रविवार शाम को महसी तहसील में दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन के दौरान शुरू हुई, जिसके कारण दो समुदायों के बीच झड़पें हुईं। (Bahraich Violence) हिंसा पथराव और गोलीबारी तक बढ़ गई, जिसके परिणामस्वरूप राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। उनकी मौत के बाद, पूरे जिले में हिंसा भड़क उठी, जिसमें दंगाइयों ने एक अस्पताल, एक मेडिकल स्टोर और एक मोटरसाइकिल शोरूम में तोड़फोड़ की। पुलिस और प्रशासनिक प्रयासों के बावजूद, स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
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