Barabanki News : बाराबंकी जिले के मसौली इलाके में चार दिनों तक नाबालिग लड़की के अपहरण और कथित बलात्कार के मामले ने विवाद खड़ा कर दिया है। पुलिस द्वारा दर्ज किया गया मामला पुलिस अधीक्षक (एसपी) को दी गई शिकायत के आधार पर नहीं बल्कि पुलिस द्वारा खुद बनाई गई रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने मामले के हर पहलू की गहन जांच के आदेश दिए हैं।
एसपी को संबोधित शिकायत में लड़की के अपहरण, उसके बाद लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद में उसके आने-जाने और जिस कमरे में उसे रखा गया था, उसके बारे में विस्तार से बताया गया है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह आरोपी के भाई का कमरा है। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि लड़की को दर्द निवारक दवा दी गई थी।
आरोप लगाया गया है कि पुलिस चौकी में पीड़िता को आरोपी के छह साथियों ने अश्लील बातें कीं। हालांकि, एफआईआर की कॉपी में बताया गया है कि अपहरण 22 अगस्त को हुआ था, जिसमें लड़की को बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार किया गया और फिर 25 अगस्त को उसे गांव के बाहर छोड़ दिया गया।
आठ दिन बाद दर्ज हुआ मामला
मामला दर्ज कराने वाले शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिस इंस्पेक्टर ने उनकी रिपोर्ट स्वीकार करने पर जोर दिया था। (Barabanki News) उन्होंने आगे बताया कि मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजकर गहन जांच की मांग की गई थी। आठ दिन बाद मामला दर्ज किया गया और आरोपी अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया।
लड़की के चाचा ने 22 अगस्त को त्रिलोकपुर पुलिस चौकी में उसके लापता होने की सूचना दी, लेकिन पुलिस ने उसे खोजने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचने पर मसौली पुलिस ने जल्दबाजी में खुद की बनाई गई दूसरी रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। एएसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने पुष्टि की कि आरोपी अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया है।
उत्पीड़न के विरोध में उमड़ी भीड़
जब अंकित के छह दोस्तों ने पुलिस चौकी पर लड़की पर अश्लील टिप्पणी करना शुरू किया, तो उसने विरोध किया, जिससे मौके पर भीड़ जुट गई। इसके बाद, पुलिस ने पीड़िता, उसके नाबालिग भाई और उसके चाचा से चार पन्नों के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए, जिसमें कथित तौर पर आरोपी को बचाने के लिए एक मनगढ़ंत कहानी लिखी गई थी। उन्हें समझौता करने के लिए भी मजबूर किया गया।
मामले को और शांत करने के लिए, लड़की के चाचा को कथित तौर पर ₹50,000 का ऑनलाइन भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया। एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि लापरवाही के कारण त्रिलोकपुर चौकी के प्रभारी मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एसएचओ मसौली अरुण प्रताप सिंह को छुट्टी पर भेज दिया गया है। जांच एएसपी को सौंपी गई है।
पीड़िता के चाचा ने लगाया दवा देने का आरोप
लड़की के चाचा के अनुसार, उसने बताया कि जब उसे दर्द होता था, तो आरोपी उसे दर्द निवारक दवा देता था। इसके अलावा, बाराबंकी (Barabanki News) में जिस कमरे में उसे ले जाया गया, अंकित ने दावा किया कि वह उसके भाई का कमरा है। जब वे 25 अगस्त को शिकायत दर्ज कराने पुलिस चौकी गए, तो पुलिस ने लड़की को सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक वहीं रखा, जबकि आरोपी अंकित को कुर्सी दे दी गई।
बलात्कार के मामले में पुलिस ने दिखाई संवेदनहीनता
अपहरण और बलात्कार के मामले में उचित कार्रवाई करने के बजाय पुलिस ने बेहद संवेदनहीनता दिखाई। लड़की के चाचा के अनुसार, 25 अगस्त को पीड़िता को त्रिलोकपुर चौकी पर 10 घंटे तक बैठाए रखा गया, जबकि आरोपी और उसके छह दोस्त आराम से बैठे रहे और अश्लील बातें करते रहे।
(Barabanki News) आरोप है कि पुलिस के संरक्षण में आरोपियों ने समझौते के तौर पर पीड़िता के चाचा को 50 हजार रुपये का ऑनलाइन भुगतान भी करवा लिया। चाचा ने आरोप लगाया कि पीड़िता को 30 से 31 अगस्त तक जबरन मसौली थाने में रखा गया। रविवार दोपहर एसपी दिनेश कुमार सिंह ने मसौली थाने के प्रभारी अरुण प्रताप सिंह और त्रिलोकपुर चौकी प्रभारी मनोज कुमार को निलंबित कर दिया। उन्होंने पुष्टि की कि अंकित को गिरफ्तार कर लिया गया है और एएसपी जांच कर रहे हैं।
ये है मामला
मसौली क्षेत्र के एक गांव निवासी ने एसपी से शिकायत की थी कि सितंबर 2018 में उसके जीजा की हत्या कर दी गई थी और अगले दिन उसकी बहन ने आत्महत्या कर ली थी। तब से वह अपनी 16 वर्षीय भतीजी की देखभाल कर रहा है। 22 अगस्त को जब उसकी भतीजी खेतों पर जा रही थी, तो अंकित वर्मा ने उसे कार में खींच लिया और शहर के एक होटल में बंधक बनाकर रखा, जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया।
23 अगस्त को उसकी हालत खराब होने पर उसे इलाज के बहाने लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद ले जाया गया। 25 अगस्त को अंकित उसे गांव के बाहर छोड़कर भाग गया। उसी दिन पीड़िता और उसका चाचा पुलिस चौकी पहुंचे, जहां आरोपी को भी बुलाया गया। पुलिस की संवेदनहीनता को देखते हुए चाचा ने 27 अगस्त को एसपी को शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद 30 अगस्त को अंकित के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ।
ये भी पढ़ें : CM Yogi : सीएम ने बाबा कीनाराम के दलित और वंचितों के सशक्तिकरण को किया सम्मानित