Braj Holi : हाल ही में उत्तर प्रदेश में ब्रज की होली को लेकर एक नया विवाद उभरा है, जो महाकुंभ के दौरान हुए एक विवाद से मिलता-जुलता है। पहले महाकुंभ में मुसलमानों के दुकान लगाने पर जो विवाद खड़ा हुआ था, अब वही विवाद ब्रज की होली के दौरान भी सामने आ रहा है। इस बार मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंच चुका है, जब श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुकदमे की पैरवी कर रहे दिनेश फलाहारी ने मुख्यमंत्री को खून से पत्र लिखकर मुसलमानों को हिंदू त्योहारों से दूर रखने की मांग की है।
दिनेश फलाहारी ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि मुसलमान हिंदू त्योहारों से नफरत करते हैं, लेकिन त्योहारों के दौरान दुकानें लगाकर पैसे कमाते हैं। उनका कहना है कि मुसलमान त्योहारों में बेचने वाले खाद्य पदार्थों को अपवित्र कर सकते हैं, जिससे हिंदू धर्म का अपमान होता है। फलाहारी ने यह भी कहा कि मुसलमानों के इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
ब्रज की होली और मुसलमानों की दुकानें
ब्रज में होली का पर्व हमेशा धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान हर साल बड़े पैमाने पर तैयारियां की जाती हैं, और लोग अपने मतभेदों को भुलाकर एकजुट होते हैं। लेकिन इस बार विवाद का नया कारण बन गई हैं मुसलमानों की दुकानें। ब्रज की होली के दौरान कुछ मुसलमानों के दुकान लगाने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई हिंदू संगठन और दिनेश फलाहारी जैसे व्यक्ति इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं और मुख्यमंत्री से यह मांग कर रहे हैं कि मुसलमानों को हिंदू त्योहारों के दौरान दुकान लगाने से रोका जाए।
दिनेश फलाहारी का संघर्ष
दिनेश फलाहारी जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुकदमे को उच्च न्यायालय तक लड़ रहे हैं, ने अपनी भावनाओं और विचारों को इस पत्र के जरिए मुखर किया है। वह इस मुद्दे को केवल धार्मिक नजरिए से नहीं, बल्कि सांस्कृतिक नजरिए से भी देख रहे हैं। उनका कहना है कि मुसलमान हिंदू धर्म ग्रंथों का विरोध करते हैं और हिंदू संस्कृति से नफरत करते हैं। फलाहारी ने यह भी दावा किया कि मुसलमानों द्वारा हिंदू त्योहारों में भाग लेने का उद्देश्य केवल आर्थिक लाभ उठाना है, न कि कोई धार्मिक या सांस्कृतिक सम्मान।
महाकुंभ में भी हुआ था विवाद
यह पहला मौका नहीं है जब दिनेश फलाहारी ने इस तरह का कदम उठाया है। इससे पहले महाकुंभ के दौरान भी उन्होंने इसी तरह का खून से पत्र लिखकर सरकार से वक्फ बोर्ड की तर्ज पर सनातन बोर्ड की स्थापना की मांग की थी। उनका यह पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा था।
ब्रज की होली में मुसलमानों की दुकान लगाने को लेकर विवाद
ब्रज की होली में मुसलमानों की दुकान लगाने को लेकर जो विवाद उठा है, वह केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज में बढ़ते ध्रुवीकरण और सांप्रदायिक तनाव का संकेत भी हो सकता है। जहां एक तरफ होली जैसे त्योहारों को भारतीय संस्कृति और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है, वहीं दूसरी ओर इस तरह के विवाद समाज में एक नई विभाजन रेखा खींचते नजर आते हैं।
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