Etawah News: इटावा की इस खबर ने सबको ये सोचने पर मजबूर कर दिया हैं कि क्या वाकई जाति इंसानियत से ज्यादा मायने रखती हैं। हमारे ग्रंथो में ये कहीं नहीं लिखा हैं कि कौन सी जाति ऊंची है कौन सी नीची, हां काम के आधार पर जाति को जरूर बांटा गया था परंतु इसका कहीं भी जिक्र नहीं की राजा का बेटा ही राजा बनेगा।
कहा जाता है ईश्वर एक हैं, उनकी उपासना करना सबका अधिकार है अब ये कौन तय करेगा, कौन भक्ति का ज्ञान दे सकता है कौन नहीं, इससे ज़्यादा जरूरी है पूछना की आज इक्कीसवीं सदी में भी जब दुनिया इतनी आगे बढ़ चुकी है तो क्या ऐसा अमानवीय व्यवहार किसी के भी साथ जायज़ है?
हम बात कर रहे है इटावा के कथावाचक मुकुट मणि यादव की, जिनको सिर्फ पीटा नहीं गया उनके साथ अभद्रता की सारी हदें पार कर दी गई। ये इंसानियत के नाम पर कलंक वाली बात है अब ये मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर समाजवादी पार्टी और यादव महासभा कथावाचकों के समर्थन में उतर आई हैं, वहीं अब ब्राह्मण महासभा ने भी मोर्चा संभाल लिया है। इस प्रकरण ने अब न केवल राजनीतिक रूप ले लिया है, बल्कि जातीय गोलबंदी भी तेज़ हो गई है।
ब्राह्मण महासभा ने रखा अपना पक्ष
यूपी ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अरुण दुबे ने इटावा के एसएसपी बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मिलकर पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि कथावाचकों के साथ जो भी हुआ, वह निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन इस मामले में कथावाचकों पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में एकतरफा कार्रवाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
अरुण दुबे ने पांच दिन का समय देते हुए पुलिस से दोनों पक्षों की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस केवल ब्राह्मण समाज के युवकों पर कार्रवाई करती है, तो ब्राह्मण महासभा आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
उन्होंने स्पष्ट कहा, “व्यास पीठ पर बैठने वाला कोई भी कथावाचक यदि किसी महिला के साथ अनुचित व्यवहार करेगा, तो समाज में आक्रोश उठना स्वाभाविक है। हम हिंसा का समर्थन नहीं करते, लेकिन झूठे आरोपों के आधार पर एकतरफा कार्रवाई भी नहीं होने देंगे।”
सपा ने आरोपियों पर जताई नाराजगी
समाजवादी पार्टी के इटावा (Etawah) जिलाध्यक्ष प्रदीप शाक्य ने इस घटना को बेहद निंदनीय और दुखद बताया। उन्होंने कहा कि कथावाचक यादव समाज से थे, इसलिए उनकी जाति पूछकर की गई पिटाई पूरी तरह से साजिश का हिस्सा थी। सपा नेता ने कहा कि
“यादव क्या हिंदू नहीं हैं? फिर क्यों जाति देखकर हमला किया गया? अगर कथावाचक से कोई शिकायत थी, तो कानून का सहारा लिया जाना चाहिए था, न कि हिंसा का।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महिला को कथावाचकों के खिलाफ बयान देने के लिए पुलिस द्वारा दबाव में लिया गया, जिससे पूरा मामला संतुलित दिखाया जा सके।
यादव महासभा भी उतरी मैदान में
इस घटना को लेकर अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा ने भी अपना आक्रोश व्यक्त किया है। महासभा के जिलाध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने संगठन के पदाधिकारियों के साथ मिलकर इटावा एसएसपी को ज्ञापन सौंपा और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला सिर्फ कथावाचक की पहचान और जाति के आधार पर किया गया और इसे सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
घटना में अब तक जिन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, उनके नाम निम्नलिखित हैं:
- आशीष तिवारी (21) – निवासी दांदरपुर
- उत्तम अवस्थी (19) – निवासी दांदरपुर
- प्रथम दुबे उर्फ मनु दुबे (24) – निवासी दांदरपुर
- निक्की अवस्थी (30) – वही युवक जिसने कथावाचक के सहयोगी की बाल और चोटी काटी थी
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