Firozabad News : महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार कार्यरत हैं। इसी दिशा में सरकार ने बेटियों और महिलाओं के लिए कई योजनाएं और अभियान चलाए हैं। इन्हीं योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए फिरोजाबाद के जिलाधिकारी रमेश रंजन ने जनपद की टूंडला तहसील को महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बना कर पेश किया है।
महिला नेतृत्व में टूंडला तहसील की कमान
फिरोजाबाद (Firozabad News) जिले की टूंडला तहसील की कमान अब महिलाओं के हाथ में है। यहां की प्रशासनिक टीम में उप जिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार सभी महिला अधिकारी हैं। 2022 बैच की पीसीएस अधिकारी अनुराधा सिंह को टूंडला का उप जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है। उनके कार्यभार संभालते ही फिरोजाबाद की टूंडला तहसील ‘पिंक तहसील’ के नाम से मशहूर हो गई है।
टूंडला में महिला अधिकारियों की तिकड़ी का कामकाजी वातावरण में बड़ा प्रभाव पड़ा है। 2016 बैच की राखी शर्मा तहसीलदार के रूप में तैनात हैं और 2017 बैच की सरिता नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं। इसके अलावा, टूंडला तहसील में 22 में से चार महिला लेखपाल भी कार्य कर रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग में एबीएसए के रूप में ज्योति पाठक का योगदान है। टूंडला सर्किल के थाना पचोखरा में महिला इंस्पेक्टर पारुल मिश्रा भी तैनात हैं। इस तरह से टूंडला तहसील में महिला अधिकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जो एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है।
जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण
जब अनुराधा सिंह ने उप जिलाधिकारी का पद संभाला, तो उनका प्रमुख उद्देश्य जन समस्याओं का त्वरित निस्तारण था। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि कोई भी फरियादी तहसील से निराश होकर जिला मुख्यालय न पहुंचे और उनकी समस्याओं का समाधान तहसील स्तर पर ही हो जाए। यह उनके प्रशासनिक दृष्टिकोण की सकारात्मक पहल है।
तहसीलदार राखी शर्मा भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य कर रही हैं। उनका कहना है कि यह उनका कर्तव्य है कि वह दायित्वों का निर्वहन पूरी तरह से करें और यह साबित करें कि बेटियां बेटों से कम नहीं होतीं। टूंडला की इस महिला नेतृत्व वाली टीम ने यह साबित कर दिखाया है कि समाज की आधी आबादी को अधिकार और हिस्सेदारी का महत्व देना अब संभव हो रहा है।
आधी आबादी के अधिकारों का संरक्षण
फिरोजाबाद (Firozabad News) की टूंडला तहसील में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका यह दर्शाती है कि अब समाज में महिलाओं की भागीदारी और अधिकारों को सही मायने में सम्मान मिल रहा है। यह बदलाव न केवल प्रशासन में, बल्कि समाज में भी एक नई उम्मीद और जागरूकता का संकेत है। महिला अधिकारियों की इस तिकड़ी ने यह साबित कर दिया है कि जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो बदलाव निश्चित रूप से आता है।
महिला सशक्तिकरण के इस नए दौर में टूंडला तहसील का उदाहरण समाज को यह सिखाता है कि महिला और पुरुष के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। यदि अवसर मिले, तो महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम साबित नहीं हो सकतीं।
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